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लॉकडाउन में सब कुछ भूलकर दूसरों की मदद कर रहे बच्चे, गुल्लक के पैसों से संवार रहे जिंदगी

locationलखनऊPublished: Apr 14, 2020 02:46:17 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

लॉकडाउन जैसे मुश्किल वक्त में शहर के बच्चे और बड़े ऐसे लोगों के लिए मददगार बनकर सामने आए हैं

लॉकडाउन में सब कुछ भूलकर दूसरों की मदद कर रहे बच्चे, गुल्लक के पैसों से संवार रहे जिंदगी

लॉकडाउन में सब कुछ भूलकर दूसरों की मदद कर रहे बच्चे, गुल्लक के पैसों से संवार रहे जिंदगी

लखनऊ. लॉकडाउन (LOCKDOWN) में राशन की समस्या आम बात हो गई है। सरकार का दावा है कि लोगों के लिए रोज़मर्रा की चीज़ें उपलब्ध हैं लेकिन दिक्क़तें उन घरों पर आ रही है जहां पर बुर्जुग लोग हैं और उनके लिये इस वक़्त निकल पाना मुश्किल है। इस मुश्किल वक़्त में शहर के बच्चे और बड़े ऐसे लोगों के लिए मददगार बनकर सामने आए हैं। कोई गुल्लक फोड़कर तो धारधाम यात्रा के पैसे से जरूरतमंदों को भोजन करा रहा है। नतीजन कोरोना के खिलाफ जंग काफी हद तक सफल साबित हो रही है। सरकारी कर्मचारियों, एनजीओ तो जरूरतमंदों की मदद पहले से कर रहे हैं। अब निजी स्तर पर भी लोग मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा रहे हैं। बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी इसमें भागीदारी दे रहे हैं। यह बच्चे अपने गुल्लक में जमा रकम से जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। मदद सिर्फ खान पान तक ही सीमित नहीं है बल्कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के लिए लोग मास्क भी बांट रहे हैं।
गुल्लक के पैसे से की मदद

लॉकडाउन में राशन की समस्या आम बात है। नौकरी पर न जाने से घर का खर्चा भी ठीक से नहीं निकल रहा। ऐसे में आस पड़ोस के बड़े लोग व बच्चे अपने-अपने स्तर पर लोगों की मदद कर रहे हैं। राजाजीपुरम निवासी शेखर (10) ने बताया कि उसने अपने गुल्लक से 700 रुपये निकालकर अपने साथी दोस्त मुन्ना को दिए। मुन्ना ने दो दिन से खाना नहीं खाया था। इसी तरह ऐशबाग निवासी 9 वर्षीय नित्या ने अपनी गुल्लक से पैसे निकालकर बच्चों के लिए दूध के पैकेट खरीदे। उसने बताया कि उसने अपनी मम्मी के साथ घर के पास में रहने वाले बस्ती के बच्चों को दूध के पैकेट बांटे हैं।
पुलिसवालों की मदद में उतरी वामा सारथी

दिन रात ड्यूटी पर तैनात रहने से पुलिसवाले अपने परिवार को उचित समय नहीं दे पा रहे हैं। हाईवे से लेकर शहर की सड़कों और गलियों में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। व्यस्तता के कारण पुलिस वाले अपने बीवी बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में उनके परिवार वालों की मदद के लिए पुलिस अधिकारियों की पत्नी की संस्था वामा सारथी और लखनऊ पुलिस ने एक वॉट्सऐप नंबर जारी किया है। इस नंबर पर पुलिसकर्मियों के परिवारीजन अपनी समस्या शेयर कर सकते हैं, जिन्हें दूर किया जाएगा।
मेडिकल की परेशानी

पुलिस कमिश्नर के स्टाफ ऑफिसर एडीसीपी दिनेश पुरी ने बताया कि मेडिकल सुविधा, खाने-पीने की दिक्कत या फिर कोई भी इमरजेंसी में पुलिसकर्मी के परिवारीजन इस वॉट्सऐप नंबर पर अपनी दिक्कत साझा कर सकते हैं। उनकी दिक्कत को संबंधित अधिकारी को फॉरवर्ड कर उसको दूर किया जाएगा। इसके अलावा पुलिसकर्मियों को मास्क भी बांटे जा रहे हैं।
महिलाएं बनाकर दे रहीं खाना

केशरीखेड़ा वॉर्ड के पार्षद देवेंद्र सिंह यादव इलाके के लोगों के सहयोग से जरूरतमंदों की लगातार मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके इलाके के कई परिवारों ने आपसी सहयोग से खाने के दो सौ पैकेट तैयार कर बंटवाए हैं। महिलाएं खाना बनाकर देती हैं, जो कि जरूरतमंदों में बांटा जाता है।
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