इसके पूर्व किसान महापंचायत ने सरकारी अधिकारियों के विरूद्ध असन्तोष व्यक्त करते हुए नाराजगी व्यक्त की कि जिला, तहसील एवं थानों पर किसानों की कोई भी सुनवाई यह अधिकारी नहीं करते हैं। सरकार लाख दावे कर रही है कि गांवों में 18 घंटे बिजली मिल रही है परन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के वायदे के अनुसार 18 घंटे बिजली कहीं नहीं मिल रही है। हरदोई एवं लखीमपुर जनपद के कई गांवों में विद्युतीकरण के नाम पर सिर्फ खम्भे लगे हैं अभी तक विद्युत लाइन नहीं डाली गयी है। हरदोई जनपद के विकास खण्ड भरावन में ग्रामसभा छावन से तुलसीपुर एवं ब्लाक कोथावां के लिए भीखपुर ऐमा के मढ़िया गांव को जाने के लिए आज तक कोई रास्ता नहीं बना।
किसानों ने यह भी मांग की कि उ0प्र0 सरकार बाढ़ से प्रभावित विस्थापित परिवारों को पुर्नस्थापित करने हेतु उ0प्र0 बाढ़ एवं पुर्नवास आयोग का गठन करे। किसानों का टोल टैक्स माफ किया जाए। किसानों को नलकूप का कनेक्शन निःशुल्क दिया जाय। गांवों में बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से न होने पर डीजल पर सब्सिडी दें जिससे सिंचाई सुलभता से हो सके। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार उपज का लाभकारी मूल्य डेढ़ गुना दिया जाए। किसानों की आर्थिक स्थिति के आधार पर उनका सभी प्रकार का कर्ज माफ किया जाए। बाढ़ ग्रस्त इलाकों के किसानों से सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की वसूली न की जाय एवं उन्हें बाढ़ राहत सामग्री के साथ उनके पुर्नवास की व्यवस्था होनी चाहिए जिनकी संख्या इस समय लगभग एक लाख है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई हेतु निःशुल्क मिट्टी का तेल लैम्प जलाने हेतु उपलब्ध कराया जाय।
भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान ने सभा को सम्बोधित करते हुए किसानों की उक्त मांगें पुरजोर तरीके से रखी, जिसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने पूर्ण समर्थन किया