योगी सरकार ने मुख्तार अंसारी पर पहली बड़ी चोट लखनऊ डालीबाग में उनके बेटों के नाम पर बनी दो इमारतें जमींदोज कराकर की। आरोप है कि शत्रु/निष्क्रांत सम्पत्ति पर 8000 स्क्वायर फुट में बिल्डिंग अवैध तरीके से बनाई गई थी। मामले में मुख्तार, बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी पर धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने की एफआईआर दर्ज की गई।
पैतृक जिले गाजीपुर के महुआबाग में आलीशान गजल होटल भी निर्माण में अनियमितता और उसकी जमीन की खरीद फरोख्त में धांधली के आरोप के बाद बीते साल एक नवंबर को ढहा दिया गया। इस मामले में मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी, व दोनों बेटों समेत 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज है। नौ नवंबर को गाजीपुर के रजदेपुर में मुख्तार के एक शाॅपिंग प्लाजा व कोचिंग संस्थान की बिल्डिंग समेत सम्पत्ति कुर्क की गई। इसकी कीमत 1 करोड़ 38 लाख 37 हजार के करीब आंकी गई है।
11 नवंबर 2020 को 22 करोड़ 17 लाख रुपये की सम्पत्ति कुर्क की गई। इसमें एफसीआई गोदाम (FCI Godown) और उससे संबंधित रकबा की कुल 8 जमीनें शामिल थीं। यह सम्पत्ति मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन के नाम पर थी, जिसमें मुख्तार की पत्नी और उनके दो सालों अनवर शहजाद व शरजील रजा समेत अन्य लोगों के नाम थे। पत्नी और दोनों सालों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद ये कार्रवाई की गई थी। पुलिस के मुताबिक ये लोग आईएस 191 गैंग के सदस्य हैं।
13 नवंबर को मऊ के दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के रैनी गांव में भी मुख्तार का एफसीआई गोदाम और जमीन सीज कर अतिक्रमण को ध्वस्त कराया गया। गोदाम से मुख्तार को सालाना 1.80 करोड़ की आय किराया के रूप में होती थी। इसकी कीमत 3.26 करोड़ आंकी गई।
हालिया सबसे बड़ी कार्रवाई मऊ में की गई। दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के जहांगीराबाद दशई पोखरा स्थति बेटों के नाम की 24 करोड़ की जमीन जब्त की गई। इसे 2015 में मुख्तार ने अपनी मां के नाम से बैनामा कराया जो बाद में बेटों के नाम वसीयत हो गई। मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई के तहत 8880 वर्गमीटर इस जमीन को जब्त किया गया, हालांकि उसपर बनी मस्जिद कार्रवाई की जद से बाहर रही।
कुल मिलाकर मुख्तार अंसारी की अब तक करीब 150 से 180 करोड़ की सम्पत्ति पर सरकार चोट कर चुकी है। परिवार समेत गैंग और सहयोगियों के 70 से अधिक असलहे निरस्त और निलंबित कर जमा कराए जा चुके हैं। योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट तक लड़कर मुख्तार अंसारी को पंजाब से वापस यूपी की जेल में लाने में भी कामयाब रही है। अब उनके खिलाफ मुकदमों में लगातार तेजी से सुनवाई हो रही है। हालांकि मुख्तार परिवार का कहना है कि ये कार्रवाइयां राजनीति से प्रेरित हैं।