दो दिवसीय कार्यशाला में घुटना प्रत्यारोपण से जुड़ी नई तकनीकों की जानकारी दी गई। कार्यशाला में मौजूद केजीएमयू के डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि इस इलाज में मरीजों के घुटनों से 6 से 8 इंच का चीरा लगाकर प्रत्यारोपण किया जाता है। पहले प्रत्यारोपण के लिए 8-12 इंच का चीरा लगाया जाता है। मरीज को कई दिन अस्पताल में गुजारने पड़ते हैं। हालांकि, घुटने खोलने और प्रत्यारोपण के दौरान बारीकि से काम करना पड़ता है।
घुटने की बीमारी का मुख्य कारण मोटापा केजीएमयू से डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि बढ़ती उम्र में घुटनों की समस्या आम बात है। लेकिन इसके लिए अपने खानपान पर ध्यान देने की बहुत जरूरत होती है। घुटनों की बीमारियों का सबसे मुख्य कारण मोटापा बढ़ना होता है। उन्होंने कहा कि लंबाई के अनुसार संतुलित वजन होना चाहिए। जिनका मोटापा ज्यादा रहता है उनमें घुटने की बीमारियां होना लगभग तय है। खानपान में कैल्शियम की चीजें बढ़ा देनी चाहिए और नियमित व्यायाम भी करना चाहिए।
तुरंत कराएं एक्स-रे डॉ. शैलेंद्र सिंह ने कहा कि कई बार लोग हल्कि सी चोट लगने पर लापरवाही करते हैं। सूजन होने पर परेशानी होती है। इसलिए सूजन के बाद दर्द बढ़ जाए तो एक्स-रे कराना चाहिए। इससे चोट की स्थिति पता चल जाती है। समय रहते इलाज कर हड्डी को अपनी जगह जोड़ दिया जाता है। इससे संक्रमण का खतरा भी टल जाता है।