ईशान कोण में कलश स्थापना से बढ़ेगी सुख समृद्धि नवरात्रि के पहले दिन ईशान कोण में घट स्थापना करना चाहिए। ईशान कोण उत्तर- पूर्व दिशा को माना जाता है। इस दिशा के आधिपत्य देव यानी दिग्पाल भगवान शिव हैं। शिव जी को ईशान भी कहा जाता है इसलिए भी इस दिशा को ईशान कोण कहा जाता है। इस दिशा के स्वामी ग्रह बृहस्पति ग्रह है। इसलिए इस दिशा में घट स्थापना करने से घर में सुख- समृद्धि बढ़ती है। साथ ही आर्थिक मजबूती भी आती है।
ये भी पढ़ें : Chaitra Navratri 2022: इन विधियों से करिए कलश स्थापना, जानिए मुहूर्त और तैयारियां आग्नेय दिशा में ज्योत जलाने से नकारात्मकता होगी दूर नवरात्रि में आग्नेय कोण में नवदुर्गा के सामने अखंड ज्योत जलानी चाहिए। आपको बता दें कि दक्षिण-पूर्व के मध्य स्थान को आग्नेय कोण कहा जाता है। इस दिशा पर अग्निदेव का आधिपत्य है तो वहीं इस दिशा के स्वामी ग्रह शुक्र देव हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योत जलाने से घर में से नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही सदस्यों की बीमारियां दूर होती हैं और शत्रुओं पर विजय मिलती है।
इस उपाय से व्यापार में मिलेगी सफलता चैत्र नवरात्रि के दौरान व्यापारी अपने ऑफिस-दुकान के मुख्य गेट पर एक बर्तन में पानी भरकर पूर्व या उत्तर दिशा में रख दें। साथ ही पानी में लाल और पीले फूल डाल दें। ऐसा करने से बिजनेस में अच्छी सफलता मिलती है और व्यापार में अच्छा मुनाफा हो सकता है।
ये भी पढ़ें : Chaitra Navratri 2022: नौ दिन माता के इन नौ स्वरूपों की होगी पूजा अर्चना, जानिए इनसे जुड़े रहस्य मुख्य द्वार पर इस चिह्न से लक्ष्मी का होगा आगमन वास्तु शास्त्र के अनुसार नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान रोज घर के मुख्य द्वार पर माता लक्ष्मी के चरण अंदर की तरफ आते हुए बनाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा। साथ ही धन- वैभव में बढ़ोतरी होगी और आर्थिक स्थिति ठीक होगी।