नीरज कुमार ने बताया कि देश के कानून में कोर्ट मैरिज का प्रावधान है। इस कानून के तहत कोई भी तय नियमों का पालन करते हुए कोर्ट मैरिज कर सकता है। उन्होंने बताया कि स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत कोई भी बालिग कोर्ट मैरिज कर सकता है। फिर चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या सम्प्रदाय से क्यों न हो। कोर्ट मैरिज के लिए लड़के की उम्र कम से कम 21 वर्ष होना अनिवार्य है। जबकि लड़की की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए। कोर्ट मैरिज कोई भी भारतीय किसी विदेशी से भी कर सकता है। उन्होंने बताया कि कोर्ट मैरिज में किसी भी धार्मिक रीति रिवाज का पालन करने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट मैरिज के लिए लड़के और लड़की को मैरिज रजिस्ट्रार कार्यालय में एप्लाई करना होता है।
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ये हैं टॉप 5 OTT प्लेटफॉर्म, मुफ्त में देख सकते हैं कई फिल्में और प्रोग्राम एप्लाई करने से पहले एकत्र कर लें ये जरूरी दस्तावेज अधिवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन करने से पहले कुछ दस्तावेज जरूरी हैं। इन दस्तावेज में से एक भी कम होने पर कोर्ट मैरिज में बाधा आ सकती है। इसलिए इनका इंतजाम पहले ही कर लेना चाहिए। इसके लिए बर्थ सर्टिफिकेट या फिर 10वीं की मार्कशीट होना आवश्यक है। कोर्ट में आवेदन पत्र की रशीद, कोई भी आईडी प्रूफ के साथ मूल निवास आईडी भी आवश्यक है। इसके साथ ही लड़के और लड़की को एफिडेविट भी देना होगा, जिसमें उन्हें वर्तमान वैवाहिक स्थिति के बारे में बताया होगा। अगर तलाकशुदा हैं तो तलाक के आदेश की कॉपी देनी होगी। वहीं अगर विधवा हैं तो पूर्व के जीवनसाथी का मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा। इसके साथ ही चार फोटो (दो लड़के और दो लड़की) भी चाहिए होंगे। फोटो राजपत्रित अधिकारी द्वारा अटेस्टेड होने चाहिए।
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Allahabad High Court: जौनपुर डीएम मनीष कुमार वर्मा आदेश का पालन करें या हाजिर हों, 4 अप्रैल को होगी सुनवाई ये है कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट मैरिज करने के लिए सबसे पहले मैरिज रजिस्ट्रार को लिखित में नोटिस देना होगा। जिले का रजिस्ट्रार आपके भेजे गए नोटिस की एक कॉपी अपने कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करेगा, ताकि किसी को आपत्ति हो तो वह 30 दिन के भीतर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। 30 दिन में कोई आपत्ति नहीं आने पर रजिस्ट्रार शादी की प्रोसेस को बढ़ाता है। कोर्ट मैरिज करने वाले लड़के-लड़की के साथ गवाहों की भी जरूरत होती है, जिन्हें लिखित में रजिस्ट्रार को देना होगा कि शादी बिना किसी दबाव और जोर जबरदस्ती के की जा रही है।