टीका लगने के बाद सम्बंधित को क्यू आर बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्यों को कोविड-19 टीकाकरण के लिए चुनाव व पोलियो सहित अन्य राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अनुभव को इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
शुरुआत में टीकाकरण के लिए करीब 5 हजार केंद्रों की व्यवस्था की जा रही है। इनमें लगभग दो हजार केंद्र फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के लिए और तीन हजार केंद्र 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए तैयार किये जा रहे हैं। टीकाकरण के लिए ब्लॉक स्तर पर कम्प्यूटर पर डाटा अपडेट किया जा रहा है, जिसमें लाभार्थी का नाम, उम्र, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा कोरोना काल में हुए सर्वेक्षण डाटा का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। जैसे ही टीका लगाया जाएगा, सम्बंधित के मोबाइल फोन पर टीका लगने का मैसेज भी आ जाएगा।
आधे घंटे तक ऑब्जर्वेशन रूम में रखा जाएगा
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. मेजर देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि कोरोना वैक्सीन जहां लगाई जाएगी वहां तीन कमरे बनाए गए हैं। पहला वेटिंग रूम, दूसरा वैक्सीनेशन रूम और तीसरा ऑब्जरवेशन रूम होगा। मरीज को कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए पहले वेटिंग रूम में बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना होगा। टीकाकरण के बाद आधे घंटे तक ऑब्जरवेशन रूम में रखा जाएगा कि कहीं उसके शरीर में कोई परिवर्तन तो नहीं आ रहा है।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. मेजर देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि कोरोना वैक्सीन जहां लगाई जाएगी वहां तीन कमरे बनाए गए हैं। पहला वेटिंग रूम, दूसरा वैक्सीनेशन रूम और तीसरा ऑब्जरवेशन रूम होगा। मरीज को कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए पहले वेटिंग रूम में बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना होगा। टीकाकरण के बाद आधे घंटे तक ऑब्जरवेशन रूम में रखा जाएगा कि कहीं उसके शरीर में कोई परिवर्तन तो नहीं आ रहा है।
वैक्सीन स्टोरेज सेन्टर्स में लगेंगे सीसीटीवी
बूथ पर टीका लगाने वाले दो विशेषज्ञ, दो सहायक और स्वयंसेवी तैनात किए जाएंगे। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. नेगी बताते हैं कि सबसे पहले कोरोना वैक्सीन हेल्थ वर्कर्स को लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 15 दिसम्बर तक वैक्सीन को रखे जाने वाली जगहों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। सावधानी के तौर पर वैक्सीन स्टोरेज सेन्टर्स में सीसीटीवी लगाये जाएंगे। इसके अलावा वैक्सीन कैरियर वाहनों में जीपीएस लगाया जाएगा, ताकि इसकी सुरक्षित सप्लाई सुनिश्चित की जा सके।
बूथ पर टीका लगाने वाले दो विशेषज्ञ, दो सहायक और स्वयंसेवी तैनात किए जाएंगे। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. नेगी बताते हैं कि सबसे पहले कोरोना वैक्सीन हेल्थ वर्कर्स को लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 15 दिसम्बर तक वैक्सीन को रखे जाने वाली जगहों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। सावधानी के तौर पर वैक्सीन स्टोरेज सेन्टर्स में सीसीटीवी लगाये जाएंगे। इसके अलावा वैक्सीन कैरियर वाहनों में जीपीएस लगाया जाएगा, ताकि इसकी सुरक्षित सप्लाई सुनिश्चित की जा सके।