scriptनए संसद भवन में सबकुछ बदला लेकिन सिर्फ एक चीज पुरानी की पुरानी रह गई जिसे सरकार भी नहीं बदल पाई, जानें वजह | Know what is old thing and why gov could not change it? | Patrika News

नए संसद भवन में सबकुछ बदला लेकिन सिर्फ एक चीज पुरानी की पुरानी रह गई जिसे सरकार भी नहीं बदल पाई, जानें वजह

locationलखनऊPublished: May 28, 2023 02:03:17 pm

Submitted by:

Aniket Gupta

New Parliament Building: सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत तैयार किये गए ने संसद भवन को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम किया। नए संसद पुराने संसद से कई मामलों में अलग है या यूं कहें तो पुरी तरह से अलग है। हर एक चीज नए तरीके से बनाई गई है। सिर्फ एक चीज नहीं बदली वह है लोकसभा और राज्यसभा में बिछाई गई ग्रीन और रेड कार्पेट्स।
 

New Parliament Building
New Parliament Building: सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत तैयार किये गए ने संसद भवन को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम किया। इस कार्यक्रम को और खास बनाने के लिए देश के कोने कोने से धार्मिक गुरुओं को आमंत्रित किया गया था। बता दें कि नई संसद पुरानी संसद से पुरी तरह अलग है, जिसके निर्माण के लिए देश के अलग अलग हिस्सों से कई वस्तुओं को मंगाया गया है। बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा से बांस, राजस्थान से संगमरमर इंदौर से अशोक चक्र और उत्तर प्रदेश के भदोही से कारपेट मंगाया गया है।
कारपेट का कलर क्यों नहीं बदल पाई सरकार?
नए संसद पुराने संसद से कई मामलों में अलग है या यूं कहें तो पुरी तरह से अलग है। हर एक चीज नए तरीके से बनाई गई है। सिर्फ एक चीज नहीं बदली वह है लोकसभा और राज्यसभा में बिछाई गई ग्रीन और रेड कार्पेट्स। सरकार ने सब नए तरीके से बनवाया लेकिन कार्पेट का कलर वही। और इसी बात को लेकर अब चर्चाएं तेज हो गई है कि आखिर सब कुछ बदलने के बाद भी कार्पेट का कलर क्यों नहीं बदल पाई सरकार? आज हम बताएंगे कि आखिर वो क्या वजह है जो सरकार ने भवन के आकार से लेकर आंतरिक वस्तुओं को बदलने के बाद भी इस कालीन को नहीं बदल पाई।
संसद में दो सदन होते है
संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है, जहां पर आम आदमियों की आवाज को हमारे प्रतिनिधि बुलंद करते हैं। बता दें कि संसद भवन में दो सदन होते हैं, पहला लोकसभा और दूसरा राज्यसभा। आपने कई बार संसद भवन के बारे में पढ़ा सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि लोकसभा में नीचे फर्श पर बिछाए गए कारपेट का रंग हरा क्यों होता है?
लोकसभा में हरे रंग का कारपेट क्यों बिछा होता है?
दरअसल, हरे रंग का कारपेट बिछाने से तात्पर्य यह होता है कि इस सदन में जो भी प्रतिनिधि आ रहे हैं वह जमीन से जुड़ा हुआ है। हम यह जानते हैं कि लोकसभा के प्रतिनिधि सीधे जनता से चुनकर आते हैं, इसलिए लोकसभा में हरे रंग का कारपेट बिछाया जाता है। हरे रंग को एक और बात से जोड़ कर देखा जाता है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसे एक सिंबल के तौर पर हरे रंग का कालीन से दर्शाने का काम किया जाता है।
राज्यसभा में लाल रंग का कारपेट क्यों बिछा होता है?
वही अगर राज्यसभा सदन की बात करें तो उसमें लाल रंग का कार्पेट बिछा होता है। बता दें कि इस सदन में अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। राज्यसभा में लाल रंग के कारपेट बिछाने के पीछे दो कारण बताए जाते हैं, पहला कि लाल रंग राजसी गौरव का प्रतीक है और दूसरा लाल रंग को स्वतंत्रता संग्राम में शहीदों के बलिदान का प्रतीक माना जाता है। सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए नए संसद में सिर्फ कारपेट का रंग छोड़ कर सारी चीजें नई तरीके से बनाई गई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो