इधर चीनी मिलों का पेराई सत्र शुरू हुआ उधर गन्ना आपूर्ति करने वाले ओवरलोड वाहन सड़कों पर फर्राटा भरने लगे। जिलेभर से रोज हादसे व शिकायतें होने के बाद भी जिम्मेदार अंजान बने बैठे हैं। जिसका नतीजा यह है कि हाल ही में गन्ने से ओवरलोड वाहनों से कई दुर्घटनाएं हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन मौन है। गन्ने से ओवरलोड वाहन हादसे व जाम का सबब बनते नजर आ रहें है, लेकिन जिम्मेदार इन वाहनों पर कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहें है, जिसका खामियाजा सड़क पर चलने वाले राहगीरों व मुख्य मार्ग के किनारे वाले दुकानदारों को भरना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि ओवरलोड गन्ना वाहनों से आए दिन गन्ना सड़क से नीचे गिरता रहता है और ज्यादातर ऐसा पास लेने पर होता है, पूरे कस्बे का मुख्यमार्ग आबादी क्षेत्र है। सड़क किनारे दुकानें होने के चलते ग्राहकों की भीड़ रहती है। अगर ऐसे में किसी पर भी गन्ने का गठ्ठर गिर जाए तो उसकी हालत का अन्दाजा लगया जा सकता है। गन्ने के ओवरलोड वाहनों से यातायात भी प्रभावित है। यही नहीं सड़क पर वाहन से सफर करने वालों को इन ओवरलोड वाहनों से काफी दिक्कतें हो रही है। यदि समय से गन्ना ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कठोर कार्यवाही नहीं की गई तो कभी भी बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
क्या कहते हैं जिम्मेदार :- एआरटीओ का कहना है कि ओवरलोड गन्ना वाहनों को लेकर कार्यवाही प्रारम्भ है। बहुत से गन्ना ओवरलोड वाहनों को सीज किया गया है। करीब 19 वाहनों को पंजीकृत कर छोड़ दिया गया। मानक के विरूद्ध गन्ना आपूर्ति कर रहे वाहनों पर कार्यवाही की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक पूनम ने कहा कि डग्गामार वाहन व ओवरलोड को लेकर पुलिस प्रशासन जल्द बड़ी कार्रवाई करेगा, निरंतर अभियान भी चलाया जा रहा। जिस थाने पर लापरवाही बरती जा रही है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।