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घर बनाना हुआ आसान, सस्ता हुआ सीमेंट ताे ईंट और सरिये के भी गिर गए दाम नगर विकास विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने पर शहरी क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था में आ रही दिक्कत दूर हो जाएगी। इसके साथ ही गीले-सूखे कूड़े से फैलने वाले वायु प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी। उन्होंने बताया कि सभी बड़े प्रतिष्ठानों के कूड़े के निस्तारण की क्षमता का निर्धारण करने के लिए मानक तय किए जा रहे हैं। हालांकि छोटे प्रतिष्ठान और संस्थाएं इस व्यवस्था के दायरे में नहीं आएंगी।
ये प्रतिष्ठान आएंगे दायरे में नई व्यवस्था के अनुसार, होटल, रेस्टोरेंट, क्लब, व्यापार मेले, मैरिज हॉल, सामुदायिक हॉल के साथ 20 बेड तक के हॉस्पिटल में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। जहां रोजाना सौ किलो कूड़ा निकलता है। जबकि ऐसी वधशाला, चिकन व मटन बिक्री की दुकानों के साथ सार्वजनिक पार्क और औद्योगिक क्षेत्रों को भी नई व्यवस्था का पालन करना होगा, जिनमें रोजाना 50 किलो कूड़ा निकलता है।