लखनऊ

पत्रिका लाइव- चुनाव प्रचार खत्म, नेताओं का अड्डा बना दिल्ली

-शाम तक नेता दहाड़े और जारी रहा हमला
-पार्टी कार्यालयों के वार रूम में पसरा सन्नाटा
-मोहरे बिछना शुरू, शह-मात का इंतजार

लखनऊMay 17, 2019 / 04:20 pm

Anil Ankur

अखिलेश यादव नरेन्द्र मोदी राहुल गांधी

अनिल के अंकुर
लखनऊ. गुरुवार की शाम को यूपी की बची हुई 13 सीटों के लिए चुनाव प्रचार थम गया। अंतिम राउंड के चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दहाड़े और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी। बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश ने भी अंतिम दिन भाजपा व कांग्रेस को करारा जवाब दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका ने भी बातों ही बातों में बड़ी बात कहने में कोई चूक नहीं की। शाम के बाद प्रचार खत्म हुआ। इधर, लखनऊ में पार्टी कार्यालयों में बने वार रूम में सन्नाटा छा गया। पार्टी के बड़े नेताओं की लोकेशन यूपी के बाहर दिल्ली की ओर इशारा करने लगी। अब सियासी गलियारे में उल्टी गिनती शुरू हो गई है। किसकी सरकार बनेगी, किसकी नहीं इसका गुणा-भाग लगाने का काम शुरू हो गया है।
सीएम को अपना गढ़ बचाने की ङ्क्षचता
गुरुवार को पूर्वाचल में सभी प्रमुख दलों के नेताओं की रैली हुई। एक की रैली खत्म तो दूसरी की शुरू। यूपी के सीएम अपना गढ़ बचाने के लिए गोरखपुर में ही डेरा डाले रहे। उधर, सपा मुखिया अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी गरमी की चिंता किए बगैर आम जन से बात करने की कोशिश की। जितनी तेज धूप थी उतनी ही गरम बातें इन नेताओं के मुख से निकलीं। सभी नेता एक दूसरे के प्रति आग उगल रहे थे। सब जनता को यह बताने में लगे रहे कि वही बेस्ट हैं और बाकी वेस्ट हैं।
गार्ड और कर्मचारी के हवाले पार्टी दफ्तर
बहरहाल, चुनाव प्रचार खत्म होते होते सूबे की राजधानी लखनऊ में पार्टी मुख्यालयों का हाल भी बदल गया। कांग्रेस कार्यालय में प्रचार खत्म होते ही सन्नाटा छा गया। बड़े नेता दिल्ली चले गए और छुटभैये नेता थकावट उतारने में व्यस्त हो गए। बसपा मुख्यालय भी बंद ही दिखा। यहां इंट्री पहले भी इतनी सुगम न थी और आज भी नहीं। सपा कार्यालय का मुख्य द्वार शुक्रवार की शाम बार-बार खुलता और बंद होता रहा। पार्टी के कर्मचारियों की ही गाडिय़ां अंदर आ जा रही थीं। मीडिया से जुड़े लोग अंदर आ जा रहे थे। लगभग सभी कार्यालयों से गायब हो गए। रोज मिलने वाले कर्मचारी और पार्टी की सुरक्षा में तैनात किए गए गार्ड ही हर जगह दिखाई दिए। पूछने पर पता चला कि नेताजी दिल्ली गए हैं।
चुनाव बाद की तैयारियां
सवाल उठ रहा है कि कार्यकर्ताओं को छोड़ नेताजी दिल्ली क्यों चले गए। सियासी गलियारे में इसको लेकर देर शाम तक चर्चाएं भी शुरू हो गईं। बड़े नेताओं की जहां पर सभा खत्म हुई वहीं से उनका उडनख़टोला दिल्ली के लिए रवाना हो गया। बताया गया कि प्रचार खत्म होने के बाद अब चुनाव बाद की रणनीति के लिए गोटियां बिछनी शुरू हो गईं। बड़े नेताओं को जमावड़ा दिल्ली हो गया। दिल्ली में नेता सरकार बनाने गुणा-भाग में जुट गए हैं। देखना होगा कि किसने अपने मोहरे किस तरह बिछाए हैं और 23 मई के दिन किसे शह और किसे मात मिलती है।
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