छात्रों का कहना है कि 5 मार्च को 2018 को जारी किए गए यूजीसी के रोस्टर के लागू होने से एसिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के पदों पर एससी/एसटी का प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाएगा। इसके विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं।प्रदर्शनकारी छात्र मुख्यमंत्री आवास की तरफ जा रहे थे। वो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इस रोस्टर के खिलाफ ज्ञापन सौंपना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें हजरतगंज में ही रोका और उन पर लाठी चार्ज कर दिया।छात्रों का कहना है कि पहले से ही कई पदों पर भर्ती नहीं की गई है और अगर ये प्रावधान लागू हो गया तो इन पदों से आरक्षण खत्म हो जाएगा।छात्रों की पुलिसकर्मियों से बहस भी हुई। उनका कहना है कि दलितों को उनका हक मिलना ही चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का विरोध सूत्रों ने बताया कि पुलिस को लाठीचार्ज उस समय करना पड़ा जब यह शिक्षक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के समक्ष जाकर अपना विरोध जताने की तैयारी कर रहे थे। वह शाह विरोधी नारेबाजी भी कर रहे थे। शिक्षकों का कहना था कि सरकार के इशारे पर यूजीसी काम कर रही है। रोस्टर वापस नहीं हुआ तो 15 अप्रैल को प्रदेशव्यापी विरोध होगा।
बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों को एससी-एसटी-ओबीसी और दिव्यागों की आरक्षण नीति और बैकलॉग पूरा करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इनमें स्पष्ट किया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य व मानद विश्वविद्यालयों और ऐसे संस्थानों को जो पब्लिक फंड से चलते हैं, उनमें भी आरक्षण नीति को प्रभावी ढंग से लागू करना होगा । सभी शैक्षणिक संस्थान समय-समय पर जाँच करें कि एससी-एसटी-ओबीसी और दिव्यागों के लिए आरक्षण नीति लागू हो रही है या नहीं । केंद्र सरकार व डीओपीटी ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सभी आरक्षण संबंधी रोस्टर अपनी वेबसाइटों पर अपलोड व प्रकाशित करने के निर्देश दिए हैं।