scriptLawyer: मेडिक्लेम के साथ अब वकीलों को रिटायरमेंट पर मिलेगा 15 लाख रुपए, जानिए और क्या होंगी सुविधाएं | Lawyers laws implementation for 5 to 40 year Advocate | Patrika News

Lawyer: मेडिक्लेम के साथ अब वकीलों को रिटायरमेंट पर मिलेगा 15 लाख रुपए, जानिए और क्या होंगी सुविधाएं

locationलखनऊPublished: Apr 02, 2022 10:28:37 am

Submitted by:

Snigdha Singh

अब सरकारी नौकरी वालों की तरह वकीलों को भी मेडिक्लेम के साथ रिटायरमेंट पर 15 लाख रुपए मिलेगा। अधिवक्ता कल्याण कोष संशोधन विधेयक के तहत प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे पास भी कर दिया गया है।

Lawyers new laws

Lawyers laws implementation for 5 to 40 year Advocate

उत्तर प्रदेश के करीब 80 हजार से अधिक वकीलों को मेडिक्लेम और रिटायरमेंट पर मिलने वाले लाभों के साथ अन्य सभी सुविधाएं भी मिल सकेंगी। इसके लिए राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष संशोधन विधेयक 2020 विधानसभा में पेश हो गया। इसकी जल्द ही पारित होने की संभावना है। प्रस्तावित विधेयक के अनुसार बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के वेलफेयर फंड से 40 साल तक जुड़े रहने पर रिटायरमेंट में 15 लाख रुपए मिलेगा। इसके साथ ही मेडिक्लेम जैसी अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। प्रस्ताव में 5 साल, 15 साल, 30 साल और 36 साल की सदस्यता वाले वकीलों को भी सुविधाएं दी जाएंगी।
प्रस्तावित विधेयक के अनुसार वकीलों को बीमारियों के दावे पर अधिकतम तीन लाख रुपए और यादिए आकस्मिक मृत्यु हो जाता है तो साल रुपए देने प्रस्ताव है। बता दें कि अभी आकस्मिक मृत्यु पर ढ़ाई लाख और बीमारियों के लिए एक लाख रुपए देने का प्रावधान है। बीसीआर के पूर्व चेयरमैन चिरंजीलाल सैनी के मुताबिक पिछले एक साल में बीसीओर वेलफेयर फंड 92 करोड़ रुपए से बढ़कर 122 करोड़ पहुंच गया।
ये भी पढ़ें – असलहाधारी हो जाएं सावधान, अब इतने लाइसेंसों पर होगी प्रशासन की नजर

प्रस्ताव में 5 साल, 15 साल, 30 साल और 35 साल के विधायकों के लिए भी सुविधा दी जा रही है। साल की सदस्यता वाले वकील को 50 हजार, 15 साल के सदस्यता पर 1 लाख 98 हजार, 30 साल की सदस्यता पर 7 लाख 33 हजार और 35 साल की सदस्यता वाले वकील को 10 लाख 83 हजार रुपए देना प्रस्तावित है।
प्रस्ताव में नए वकीलों के लिए भी खुशखबरी है। इसमें दो साल की वकालत करने के बाद तीन साल तक 5 हजार रुपए स्टायफंड देने के विधेयक को मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भेजा गया है। यह स्टायफंड देने पर राज्य सरकार को 35 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट 2019 की भी विधि विभाग की समीक्षा हो रही है। इन बिलों को राज्य सरकार की अनुमति के बाद ही विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो