न्यायाधीशों के लिए बनेंगे नए आवासीय भवन जिला न्यायालयों में 450 करोड़ रुपये की लागत से नए भवन का निर्माण कराया जाएगा। इस भवन को सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसमें न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों, वकीलों के साथ ही वहां आने वाले लोगों की सुविधा का भी ध्यान रखा जाएगा। प्रयागराज में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ हाईकोर्ट परिसर में मल्टीलेवल और एडवोकेट चैम्बर्स का निर्माण ईपीसी मोड पर कराये जाने का प्राविधान भी किया गया है। इसके अलावा उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खण्डपीठ के लिये नये भवनों के निर्माण पर सरकार 150 करोड़ रूपये और इलाहाबाद पीठ के भवन निर्माण के लिए 450 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
प्रदेश की पहली ई-कोर्ट शुरू इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सड़क यातायात उल्लंघन से संबंधित मामलों के निपटान के लिए इलाहाबाद जिला अदालत में वर्चुअल ई-कोर्ट शुरू किया है। यह प्रदेश की पहली वर्चुअल ई-कोर्ट है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने जिला न्यायालय स्थित 24 कोर्ट भवन परिसर में वर्चुअल ई-कोर्ट ट्रैफिक का शुभारंभ किया। इस वर्चुअल ई-कोर्ट में वादकारी और अधिवक्ता की भौतिक उपस्थिति मामले के निस्तारण के लिए जरूरी नहीं होगी। यह ऐसी अदालत होगी जहां ऑनलाइन वाद का निराकरण किया जाएगा। इसी के साथ अब लोगों को चालान का भुगतान करने के लिए बार-बार कचहरी के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे। कहीं भी यातायात नियमों का उल्लंघन होने पर ही चालान के माध्यम से नियम तोड़ने वालों को सूचना दी जाएगी। इसमें चालान को ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। वर्चुअल ई-कोर्ट के पीठासीन अधिकारी के लिए उच्च न्यायालय ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जया प्रियदर्शनी को नामित किया है।
अन्य जिलों में भी खुलेगी ई-कोर्ट वर्चुअल ई-कोर्ट फिलहाल प्रयागराज में खोली गई है। इसके बाद इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा ताकि लोगों को चालान जमा करने के लिए कचहरी के चक्कर न लगाने पड़ें।