दरअसल, लखनऊ विकास प्राधिकरण पुराने सरकारी कार्यालयों की तरह कागजों में ही कार्य किए जाते हैं। नोटिंग हो या बैठक या फिर किसी से कोई जानकारी हासिल करनी हो या देनी हो। सभी के लिए चिट्ठी ही प्रयोग में लायी जाती है। ऐसे में बदलते दौर में एलडीए ने भी अपने को बदलने का निर्णय लिया है। इसके लिए अगले वर्ष अप्रैल माह तक लक्ष्य रखा गया है। तब तक सभी कार्य ई प्रणाली से हो, इसके लिए कार्य भी शुरू हो गया है। इस संबंध में गुरुवार को सिस्टम एक्जीक्यूटिव एसबी भटनागर की ओर से ई-ऑफिस सिस्टम से जुड़ी जानकारी देने के लिए प्रेजेन्टेशन आयोजित किया गया। इसमें बड़ी सं या में अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए। इस दौरान उन्हें बताया गया कि ई-ऑफिस सिस्टम में कार्य कैसे किया जाएगा। वहीं, उनकी ओर से इस संबंध में संयुक्त सचिव, विशेष कार्याधिकारी व नजूल अधिकारी को पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि प्राधिकरण में शीघ्र ही ई-ऑफिस प्रणाली का क्रियान्वयन किया जाना है। इस संबंध में आपके द्वारा स पत्ति अनुभाग से संबंधित देखे जा रहे कार्यों से संबंधित विवरण उपलब्ध कराने को कहा गया है। पत्र के माध्यम से अधिकारी व कर्मचारी के नाम, पदनाम, देखे जा रहे कार्य का विवरण, स्वयं क प्यूटर चलाना जानते हैं या नहीं, क्या उनके पास क प्यूटर है या नहीं, बैठने का स्थान की जानकारी मांगी गई है। इसी तरह अन्य अनुभाग से भी इस तरह ब्यौरा तलब किया गया है। इसके एकत्र होने के बाद जहां जरूरत होगी, वहां कंप्यूटर दिए जाएंगे। इसके लिए अधिकारियों व कर्मचारी प्रशिक्षण भी दिया जा सकता है। ई-ऑफिस प्रणाली के शुरू हो जाने से एलडीए में न सिर्फ कार्य में गति आएगी बल्कि फाइलों का ढेर भी कम होगा। नोटिस आदि को भेजने आदि में भी आसानी होगी जिनके जवाब भी हासिल हो सकेंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी सिस्टम एक्जीक्यूटिव, एलडीए, एसबी भटनागर ने कहा कि ई-ऑफिस सिस्टम में काम करने के लिए क प्यूटर की बेसिक नॉलेज जरूरी है। इसके लिए ही पत्राचार सहित प्रेजेन्टेशन आदि आयोजित किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि यह व्यवस्था जल्द से जल्द शुरू हो। इसके लिए वर्कआउट जारी है।