scriptमजबूत हो रहे पक्ष-विपक्ष के छत्रप | Leaders of Uttar Pradesh Yogi and Akhilesh strengthening themselves | Patrika News

मजबूत हो रहे पक्ष-विपक्ष के छत्रप

locationलखनऊPublished: Oct 09, 2017 04:43:59 pm

Submitted by:

sanjiv mishra

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धीरे-धीरे भाजपा के गौरव बन रहे हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का समाजवादी पार्टी पर कब्जा और मजबूत हो गया है।

yogi adityanath

Yogi Akhilesh

डॉ.संजीव

कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति पूरे देश को दिशा देती है। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल अपनी राष्ट्रीय मजबूती के लिए उत्तर प्रदेश का मुंह ताकते हैं। राष्ट्रीय क्षितिज पर छाने के लिए उत्तर प्रदेश के छत्रप भी खुद की मजबूती की मशक्कत करते रहते हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी पार्टी भाजपा के गौरव बनने की दिशा में आगे बढ़ते नजर आए तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी सपा पर कब्जा और मजबूत किया।
शाह की आंखों के तारे

सात महीने ही तो हुए हैं, जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को जोरदार बहुमत के बाद लोकसभा सदस्य योगी आदित्यनाथ को सूबे की सत्ता सौंप दी गयी थी। इन सात महीनों में पार्टी के भीतर और बाहर तमाम चर्चाओं व कयासों के बीच योगी अपना कद भी बढ़ाते रहे। वे देश में हिन्दुत्व का मजबूत चेहरा तो माने ही जाते थे, अब पार्टी का गौरव भी बन रहे हैं। यही कारण है कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपनी गौरव यात्रा का हिस्सा बनाने का फैसला लिया है। गुजरात चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है। वहां से मोदी के पीएम के रूप में दिल्ली शिफ्ट होने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है और पार्टी कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती। इसीलिए भाजपा योगी को गुजरात में अपने गौरव के रूप में प्रस्तुत करेगी।
केरल में बने चेहरा

इससे पहले केरल में हिन्दुओं, विशेषकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की हत्याओं के विरोध में भाजपा की यात्रा का चेहरा भी योगी बन चुके हैं। केरल के इस कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी उन्हें हाथों-हाथ लिया है। माना जा रहा है कि योगी अब लगातार देश में भाजपा के हिन्दुत्व मोड वाले चेहरे के रूप में सामने रहेंगे। योगी समर्थक तो खुल कर कहते हैं कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की आंख के तारे हैं। जिस तरह पूरे देश में उनकी स्वीकार्यता बढ़ रही है, उत्तर प्रदेश के बाद देश भर में उनकी भूमिका में विस्तार होना तय है। चुनाव वाले अन्य राज्यों से भी योगी के कार्यक्रम मांगे जा रहे हैं।
पूरे देश में लोकप्रिय

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी के मजबूत कार्यकर्ता और पूरे देश में जनता के बीच लोकप्रिय नेता हैं। उत्तर प्रदेश का कुशल नेतृत्व कर उन्होंने इसे साबित किया है। अब राष्ट्रीय स्तर पर उनकी जहां जरूरत होती है, वहां उन्हें भेजा जाता है और पूरे देश में लोग उन्हें सुनना भी चाहते हैं।
मुलायम का चरखा दांव

समाजवादी पार्टी की संस्थापक मुलायम सिंह यादव का चरखा दांव देश के राजनीतिक गलियारों में खासा चर्चित रहा है। कहा जाता रहा है कि मुलायम सिंह ने अपने चरखा दांव से पहले कुश्ती के अखाड़े में तमाम पहलवानों को और फिर राजनीतिक अखाड़ों में तमाम दिग्गज नेताओं को पटकनी दी। बीते वर्ष जब उनकी अपनी बनाई हुई समाजवादी पार्टी में घमासान शुरू हुआ तो कहा जाने लगा कि उनके बेटे अखिलेश यादव ने उन पर उनका ही चरखा दांव चलाया है। साल बीतते-बीतते अब राजनीतिक गलियारों में उक्त चरखा दांव के अलग मायने लगाए जा रहे हैं। जिस तरह आगरा अधिवेशन में अखिलेश यादव के पीछे पूरी समाजवादी पार्टी खड़ी नजर आई और शिवपाल यादव अलग-थलग से पड़ गए, उसे मुलायम के ही चरखा दांव का एक हिस्सा माना जा रहा है।
एक होगा यदुवंश

अभी कुछ हफ्ते भी नहीं हुए, जब मुलायम की एक प्रेस कांफ्रेंस को नयी पार्टी की घोषणा का वायस बताया जा रहा ता किन्तु ऐसा कुछ नहीं हुआ। आगरा में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में न सिर्फ अखिलेश अगले पांच साल (यानी 2019 के लोकसभा व 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद तक) के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए, बल्कि शिवपाल को भी उन्हें आशीर्वाद देना पड़ा। अब चर्चा है कि मुलायम ने जानबूझ कर बेटे को मजबूत करने के लिए यह रणनीति अपनाई और अंततः मुलायम की सपा के बड़े चेहरे आगरा में अखिलेश के साथ खड़े नजर आए। मुलायम ने खुद भी अखिलेश को आशीर्वाद दिया। माना जा रहा है कि देर-सबेर पूरी यदुवंश एक होगा और शिवपाल की भी पार्टी के भीतर सम्मानजनक बहाली हो जाएगी।
अखिलेश असली उत्तराधिकारी

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राम आसरे विश्वकर्मा मानते हैं कि अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी में पूरी तरह मजबूत हैं नेताजी का आशीर्वाद उन्हें मिला हुआ है। पूरी समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के पीछे खड़ी है। सबको ये मालूम है कि मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत के असली उत्तराधिकारी अखिलेश यादव ही हैं।
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