बताया गया कि स्कूल में होने वाले फंक्शन के प्लेटफॉर्म के नीचे बने हॉल में तेंदुआ छिपा है, जिसे वन विभाग की टीम पकड़ने में जुट गई। तेंदुए को पकड़ने के लिए प्लेटफार्म की छत को काटा जा रहा है।
सुबह से लेकर शाम तक कई दफा तेंदुए की झलक दिखी। उसकी दहाड़ों से ठाकुरगंज का कैटल कॉलोनी का इलाका लगातार थर्राया हुआ है। स्कूल की टीचर्स ने इस तेंदुए का नाम रखने की दरख़्वास्त की है। तेंदुए की उम्र 3 से 4 वर्ष के बीच की बताई जा रही है।
सुबह प्रार्थना के दौरान स्कूल में घुसा तेंदुआ- मूक बधिर स्कूल में सुबह करीब 10.15 बजे सीसीटीवी में एक तेंदुआ दिखने के बाद खलबली मच गई। स्कूल में सुबह की प्रार्थना के बाद बच्चे कक्षाओं में थे। तेंदुए की जानकारी होते ही स्कूल प्रबंधन ने हॉस्टल में 60 बच्चों को लॉक कर दिया। स्कूल में कुल 129 लड़के-लड़कियां थीं। तत्काल इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची कई थानों की पुलिस और पीएसी ने घटना की जानकारी वन विभाग को दी।
तेंदुए की शुरू हुई खोज- जानकारी होने के बाद करीब 1:45 बजे वन विभाग की रेस्क्यू टीम स्कूल पहुंची। तेंदुआ के स्कूल के असेम्बली स्टेज के बेसमेंट में होने का अनुमान लगाया जाता रहा। बेसमेंट के भीतर एक और कमरा है जिसका गेट खुला था। जिससे यह रेस्क्यू ऑपरेशन कठिन हो गया है। बेसमेंट भीतर बांस के जरिये लाइट का इंतजाम किया गया।
बेसमेंट में धूल पर कुछ पगमार्क दिखे। इसके बाद रेसक्यू टीम सक्रिय हो गई। डॉ. उत्कर्ष शुक्ला भी वहां पर ट्रेंकुलाइजर गन के साथ डटे थे। तेंदुआ को पकडने के लिए कमरे के दरवाजे पर पिंजरा डाला गया। कमरे के एक गेट को प्लाई के बंद किया गया जबकि दूसरे गेट पर पिंजरा लगाया गया। कई बार तेंदुआ पिंजरा के पास आकर लौट गया।
तेंदुए को दिया गया नाम- इस मौके पर मौजूद स्कूल की सिस्टर्स ने तेंदुआ को फ्रांसिस नाम दिया। सिस्टर ने बताया कि सेंट फ्रांसिस जानवरों से बहुत प्यार करते थे। तेंदुआ को देखने के लिए वहां पर काफी भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ से वहां पर निपटने के लिए पुलिस को लाठी भी चलानी पड़ी।