वन विभाग हुआ फेल, जाल काट कर फरार
औरंगाबाद खालसा इलाके में करीब 72 घंटे पहले तेंदुए को देखा गया। रिहाइशी इलाका होने की वज़ह से फौरन पुलिस, वन विभाग, प्राणि उद्यान को सूचना दी गई थी। लेकिन करीब दो दिन से लुक्का-छिप्पी खेल रहे आदमखोर को पकड़ने में कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद आर्मी भी इस आदमखोर को पकड़ने के लिए पहुंच गई। तेदुंए को पकड़ने के लिए पिंजरा और जाल लगाया गया।
लेकिन वन विभाग के पास अच्छा जाल तक नहीं था, इसके बाद मेट्रो के जाल लेकर तेंदुए को पकड़ने की तैयारी की गई। शनिवार सुबह तेंदुए के जाल में फंसने की सूचना मिली। लेकिन करीब 5 बजे ही वह जाल काटकर फरार हो गया।
वन विभाग की लापरवही से कई हुए घायल
आशियाना थाना प्रभारी त्रिलोकी सिंह को तेंदुए के फरार होने की सूचना मिली। इसके बाद वह एसआई तैय्यब जैदी के साथ मिलकर उसकी लोकेशन की तरफ बढ़ें। इसी बीच तेंदुए ने इलाके में कई लोगों को गंभीर रुप से घायल कर दिया। जाल से निकलने के बाद तेंदुआ आवासीय क्षेत्र में हकीम नाम के एक शख्स के लकड़ी के कारखाने में छुप गया। यहां एक बच्चा उसे देख चिल्लाया तो तेंदुआ दूसरे घर की तरफ भागा। तेंदुआ करीब में ही छत और दीवार के रास्ते अनवर अली के घर दाखिल हो गया। यहां उसने उनकी मां तहरुन्निशा पर जानलेवा हमला किया। आवाज सुनकर अनवर ने डंडे से तेंदुए पर हमला किया। वहां से भागा तेंदुआ हसीब के घर में घुस गया, यहां रजी नाम के लड़के पर हमला कर उसे गंभीर रुप से घायल कर दिया। इसके बाद उसने रास्ते में मुन्ना नाम के शख्स पर भी अपना निशाना बनाया।
आंखों के सामने बहन को नोंचा रहा था, इंस्पेक्टर ने मारी गोली
तेदुंआ कई लोगों को घायल करने के बाद मो. कुरैशी के घर में दाखिल हुआ। यहां तेदुंए ने उनकी बहन कुरैशा पर झपट्टा मारा और उसकी गर्दन को सीधे दबोच लिया। इसी बीच इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह भी पहुंच गए। लड़की को तेंदुए की गिरफ्त में देख इंस्पेक्टर पर हमला किया। इसके बाद तेंदुए ने त्रिलोकी सिंह पर हमला कर दिया। कुरैशी ने तेंदुए पर गमले से हमला किया। इसी बीच मौका पाकर इंस्पेक्टर ने लोगों की जान बचाने के लिए तेंदुए पर पांच फायर किए। इसमें से तीन गोली तेंदुए को लगी। हालांकि इसके बाद भी 15 मिनट तक आदमखोर तेंदुआ तांडव मचाता रहा। आखिर में वह घर के किचन में घुस गया। जहां पुलिस ने बाहर से गेट बंद कर तेंदुए को कैद कर दिया। इसके बाद वन विभाग और प्राणि उद्यान की टीम की मदद से उसे जू पहुंचाया गया। जहां तेंदुए को मृत घोषित कर दिया गया।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने कहा कि तेंदुआ का आतंक खत्म हो गया है। इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह ने बहादुरी का काम किया है। इसके लिए उन्हें डीजीपी की तरफ से सम्मानित किया जाएगी। वहीं आईजी लखनऊ ने इंस्पेक्टर की बहादुरी पर 50 हजार के इनाम देने की बात कही है।