फिलर्स से ठीक होंगे होंठ संजय गांधी पीजीआई (
SGPGI) में आयोजित आक्युलो फेशियल एस्थेटिक कोर्स के दौरान प्रो. अंकुर भटनागर, प्रो. अनुपमा सिंह, नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रो. रचना अग्रवाल, इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्साल की डॉ. निधि पाण्डेय ने इस बात की जानकारी दी। इन्होंने बताया कि होंठ का आकार ठीक करने के लिए कई फिलर हैं, जिसे इंजेक्ट कर होंठ को आकर्षक बनाया जा सकता है।
ऊपर के होंठ पतले होते हैं और नीचे के होंठ थोड़े मोटे और नीछे की ओर लटके होते हैं। ऊपरी होंठ नीचे से थोड़ा ढंका होता है। कई लोगों के होंठ अजीब तरह की बनावट के होते हैं। प्रो. भटनागर ने बताया कि होठों की बनावट को बिना सर्जरी के ठीक करने के लिए डर्मल फिलर, बोटॉक्स, हाइलूरोनिक एसिड, लाइपोफिलिंग, बायोजेल के इंजेक्शन का प्रयोग चेहरे की झुर्रियों को दूर करने में किया जाता है। साथ ही चेहरे पर जिस स्थान पर गडढ़े हों, उन्हें भरा जाता है। चेहरे का कोई हिस्सा ढीला ढाला या अधिक लटकता हुआ हो, तो उसे भी इंजेक्शन से ठीक किया जा सकता है।
चेहरे के साथ फिट लगने वाले होंठ की आवश्यकता विशेषज्ञों के मुताबिक, होंठ के आकार में दृश्य दोष होते हैं। इस कारण होठों की बनावट अच्छी या सही नहीं होती, जिससे कि व्यक्ति के चेहरे का आकर्षण प्रभावित होता है। इसमें बहुतक बड़े होंठ या मैक्रो-हीलियम, दृढ़ता से छोटे वाले माइक्रो-हीलिया, डूबे हुए होंठ ओपिस्टोहिलिया आदि हैं। कई बार महिलाओं की इच्छा होती है कि उनके होंठ को स्टार के होठों की सटीक प्रतिलिपि की तरह बनाया जाए। जो होंठ चेहरे की विशेष्ताओं व आकार के साथ फिट बैठता है, उसे वैसा ही शेप दिया जाता है।
पलक ढलपने की परेशानी भी होगी दूर इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय डॉ. निधि पाण्डेय ने बताया कि महीने में चार से पांच ऐसे मामले आते हैं, जिनमें मरीज को पलक गिरने पर आंख के बंद हो जाने की शिकायत रहती है। इसी तरह आंखों के हिलने की भी शिकायत होती है। इससे आंखों की मांसपेशियों में सिकुड़न आ जाती है, जिस कारण पलकें पूरी तरह बंद हो जाती हैं। खास इंजेक्शन से मास पेशियों में टाइटनेस लाकर यह परेशानी दूर की जा सकती है।