राज्य सरकार करे विचार: सुप्रीम कोर्ट बता दें कि राज्य में चार मई से शराब की बिक्री शुरू हो गई है। हालांकि, योगी सरकार ने यह जरूर कहा था कि शराब खरीदते वक्त भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। लेकिन इसके बाद भी कई जगह लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ते देख सुप्रीम कोर्ट ने शराब की दुकानों को बंद करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर कहा गया कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन हो रखा है। बीमारी का संक्रमण कम से कम हो इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है लेकिन लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री की इजाजत दी गई और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई। संक्रमण रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। ऐसे में शराब की बिक्री दुकानों पर न होकर इसकी होम डिलिवरी की व्यवस्था होनी चाहिए।
अनुभव के आधार पर निर्णय सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर यूपी सरकार विचार भी कर रही है। पंजाब और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी शराब की होम डिलीवरी शुरू हो सकती है। प्रदेश के आबकारी मंत्री रामनरेश अग्रिहोत्री ने इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि दूसरे राज्यों के अनुभव के बाद शराब की होम डिलीवरी पर फैसला किया जा सकता है। जिन राज्यों में शराब की होम डिलीवरी शुरू हुई है, वहां अनुभव का इंतजार किया जा रहा है। ऑनलाइन डिलीवरी का क्या नतीजा रहा, इस अनुभव के आधार पर यूपी में शराब की होम डिलीवरी पर फैसला किया जाएगा।
शराब के बढ़े दामों की नई रेट लिस्ट राज्य में देसी शराब पर पांच रुपये की वृद्धि की गई है। अब 65 रुपये की बोतल 70 रुपये में जबकि 75 वाली 80 रुपये में मिलेगी।
विदेशी मदिरा की इकॉनमी और मीडियम क्लास में 180 मिलीलीटर (एमएल) तक 10 रुपये की वृद्धि। 180 से 500 एमएल तक 20 रुपये और 500 एमएल से अधिक की बोतल पर 30 रुपये की वृद्धि।
रेगुलर और प्रीमियम श्रेणी में 180 एमएल तक 20 रुपये, 180 से 500 तक 30 रुपये और 500 एमएल से अधिक पर 50 रुपये की वृद्धि। आयातित शराब की 180 एमएल तक की बोतल पर 100 रुपये की वृद्धि।
आयातित शराब की 500 एमएल तक 200 और 500 एमएल से अधिक की बोतल पर 400 रुपये की वृद्धि।
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