कोर्ट ने कहा कि कोविड -19 की वजह से अब कोई लॉकडाउन नहीं है और वह जेल में फोन की सुविधा पाने का हकदार नहीं है। ऐसे में याचिका में मांगी गई राहत कानून की नजर में ठहरने लायक नहीं है लिहाजा इसे खारिज किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि ,चूंकि याची ने समुचित फोरम में पैरोल की राहत नहीं मांगी है ऐसे में रिट क्षेत्राधिकार के तहत उसे यह राहत नहीं दी जा सकती है। इस टिप्पणी के साथ अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया।