लखनऊ

लॉकडाउन की वजह से जेल में फोन देने की याचिका खारिज

– याची को पैरोल पर रिहा करने से हाईकोर्ट ने किया इंकार

लखनऊOct 22, 2020 / 08:25 pm

Abhishek Gupta

highcourt

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लॉकडाउन की वजह से जेल में फोन की सुविधा देने की एक बन्दी की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने याची को पैरोल पर रिहा करने से इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायामूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने यह आदेश जेल में बंद मोहन सिंह की याचिका पर दिया। याची की तरफ से उसे तीन माह के पैरोल (अल्प अवधि जमानत) पर रिहा करने और लॉक डाऊन की वजह से परिजनों से सम्पर्क करने को जेल में फोन की सुविधा उप्लब्ध कराने के निर्देश राज्य सरकार द्वारा देने की गुजरिश की गयी थी। याची का कहना था कि देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से उसके परिजन जेल आकर उससे सम्पर्क नहीं कर पा रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि कोविड -19 की वजह से अब कोई लॉकडाउन नहीं है और वह जेल में फोन की सुविधा पाने का हकदार नहीं है। ऐसे में याचिका में मांगी गई राहत कानून की नजर में ठहरने लायक नहीं है लिहाजा इसे खारिज किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि ,चूंकि याची ने समुचित फोरम में पैरोल की राहत नहीं मांगी है ऐसे में रिट क्षेत्राधिकार के तहत उसे यह राहत नहीं दी जा सकती है। इस टिप्पणी के साथ अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया।
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