श्रीरामकथा: अंतिम दिन पूज्य महाराज जी ने भगवान श्रीराम के राज्यभिषेक की पावन कथा सुनायी
लरामपुर गार्डन में चल श्रीराम कथा के अंतिम दिन प्रेम भूषण महाराज द्वारा भगवान श्रीराम के राज्यभिषेक की पावन कथा सुनायी गयी

लखनऊ. बलरामपुर गार्डन में चल श्रीराम कथा के अंतिम दिन प्रेम भूषण महाराज द्वारा भगवान श्रीराम के राज्यभिषेक की पावन कथा सुनायी गयी। पूज्य महाराज जी ने कहा कि रावण से प्रभु श्रीराम का 7 दिन तक युद्ध चला। अंतिम दिन प्रभु ने गुरु अगस्त्य के निर्देशनुसार रावण का वध करने के लिए विशेष बाण 31 बाड़ों का संधान किया। 31 बाणों के प्रहार से रावण का वध हुआ। रावण के वध के पश्चात प्रभु माँ सीता व अन्य साथियों सुग्रीव, विभीषण, अंगद आदि को लेकर वापस चित्रकूट आते हैं।
पूज्य महाराज ने आगे कहा कि युद्ध की इस अवधि में ही मेरे राम के वनवास की 14 वर्षों की अवधि भी पूरी हो अतः मेरे प्रभु लक्ष्मण और माँ सीता, हनुमान जी, अंगद, विभीषण सहित अपने सभी साथियों के साथ अयोध्या वापस लौटते है। पूरी आयोध्या प्रभु के आगमन की सूचना से हर्षित है। हर तरफ आनद और उमंग है। इस बीच प्रभु श्रीराम के के राज्यभिषेक की तैयारी होती है। प्रभु को प्रथम तिलक उनके गुरु वशिष्ठ लगाते है तत्पश्चात प्रभु की कि माताओं ने तिलक लगाकर प्रभु का राज्यभिषेक सम्पन्न किया। प्रभु के राज्यभिषेक से पूरी अयोध्या हर्षित हो गयी। अयोध्या के घर घर मे मंगलगायन होने लगा।
पूज्य महाराज ने प्रभु राम के प्रति हनुमान जी भक्ति को वर्णित करते हुए कहा कि हनुमान जी ऐसे भक्त है जो भगवान से इस वात्सल्य से बात करते हों कि भगवान उनकी हर बात मानने को बाध्य हो जाते है। पूज्य महाराज जी ने कहा कि वास्तव हनुमान जी मेरे राम की शरण मे है जब शरण मे होते तो उनकी कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है।
महाराज ने आगे कहा कि जब हम सत्कर्मो को करते हुए भगवान को प्रसन्न करते है तो हमारा परमार्थ भी जगता और भगवान भी खुश होए है। उन्होंने कहा कि शरण का ही परिणाम जीवन मे श्रीराम कथा है। जो मेरे प्रभु के शरण में नही हसि उसके जीवन में राम कथा भी नही है। उन्होंने कहा कि भक्ति में रहोगे तभी कल्याण होगा।
अब पाइए अपने शहर ( Lucknow News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज