उत्तर प्रदेश में बिलिंग घोटालों पर प्रतिबंध लगाने के लिए सभी को कमर कसना पडेगा। उपभोक्ता परिषद ने कहा पावर फाइनेंस कारपोरेशन पीएफसी द्वारा प्रकाशित राज्य विद्युत यूटिलिटी निष्पादन संबंधी रिपोर्ट 2019-20 में जो आंकडे सामने आए हैं वह बेहद चौंकाने वाले हैं। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा वर्तमान में प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों की हालत काफी खस्ता हाल है। पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि की गई है। ऐसे में बिजली कंपनियों का घाटा जो बढता जा रहा है उसके लिए फिजूलखर्ची व अनाप-शनाप जो बिलिंग घोटाले सामने आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में गहन छानबीन की जाए तो लगभग 500 करोड़ से ऊपर बिलिंग घोटाले सामने आएंगे। जिस प्रकार से छोटे छोटे जिलों देवरिया व महोबा में विशेष सम्प्रेक्षा में करोडों रुपए के बिलिंग घोटालों का खुलासा विगत वर्षों में हुआ है वह बेहद चिंता का विषय है। उपभोक्ता प्रदेश अध्यक्ष ने कहा प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों व पावर को प्रबंधन स्तर सहित सरकार को इस बात पर भी गहन मंत्रणा करना होगा कि जितने भी महंगी बिजली खरीद के स्रोत हैं उनके जो भी एग्रीमेंट किए गए हैं उनकी नए सिरे से समीक्षा की जानी चाहिए क्योंकि उत्तर प्रदेश में निश्चित तौर पर पुराने एग्रीमेंट की वजह से महगी बिजली की खरीद हो रही है उस पर अंकुश लगाना बहुत ही जरूरी है जहां एक तरफ उसका खामियाजा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को भुगतना पडता है वहीं बिजली कंपनियों का आर्थिक स्थिति भी खराब होती जाती हैं।
घाटे वाले टॉप फाइव राज्य राज्य डिस्कॉम संचित घाटा 31 मार्च 2020 तक तमिल नाडु रुपया--- 99860 करोड़
राजस्थान रुपया---- 86868 करोड़
उत्तर प्रदेश रुपया---- 85153 करोड़
मध्य प्रदेश रुपया---- 52978 करोड़
तेलंगाना रुपया------ 42293 करोड़
कुल घाटा राज्य डिस्कॉम रुपया 507416 करोड़
राजस्थान रुपया---- 86868 करोड़
उत्तर प्रदेश रुपया---- 85153 करोड़
मध्य प्रदेश रुपया---- 52978 करोड़
तेलंगाना रुपया------ 42293 करोड़
कुल घाटा राज्य डिस्कॉम रुपया 507416 करोड़