प्रेमिका के भाई को फिल्म देखने बुलाया, फिर चुपके से निकल गया मामला गुडम्बा के सीमांत नगर में रहने वाले बिजली ठेकेदार वीरेंद्र वर्मा की बीवी किरण वर्मा से जुड़ा था, जिसकी उम्र करीब 45 बरस होगी। किस्सा कुछ यूं है कि किरण की बड़ी बेटी का बाराबंकी के जैदपुर स्थित बरबसौली निवासी अभय कुमार सिंह से इश्क था। प्रेम परवान चढ़ा तो बेटी के हाथ पीले कर दिए गए। इसके बाद एक दिन किरण को बेटी के मोबाइल पर अभय के साथ बेटी की कुछ आपत्तिजनक तस्वीर और वीडियो मिल गई। इसी तस्वीरों और वीडियो के जरिए किरण ब्लैकमेलिंग करने लगी और अभय को घर बुलाने लगी। पहली किस्त के रूप में 40 हजार रुपए ऐंठने के बाद भी किरण की हरकत जारी थी। ऐसे में शनिवार को अभय को जानकारी हुई कि बिजली वायरिंग ठेकेदार बाराबंकी गया है और छोटी बेटी भी बड़ी बहन की ससुराल गई है। छोटा बेटा कोचिंग गया था। ऐसे में अभय ने प्रेमिका के बड़े भाई को कॉल कर फिल्म दिखाने के बहाने एसआरएस मॉल बुलाया। फिल्म शुरू हुई तो अभय ने कहा कि ओला की बुकिंग का हवाला देकर चला गया। अभय ने फिर अपनी कार का जीपीएस बंद कर दिया, ताकि लोकेशन न मिले। फिर एक परिचित के घर के पास कार को ऐसे पार्क किया, ताकि उसका नंबर सीसीटीवी की निगरानी में रहे, लेकिन कार में कौन है यह रिकार्ड न होने पाए। अभय यहां से सीधा सीमांतनगर पहुंचा।
अभय ने हाथ-पैर जोड़े, लेकिन किरण नहीं मानी तो मार डाला पुलिस की गिरफ्त में आए अभय से हत्या में इस्तेमाल चाकू, बाइक, हेलमेट और जूता बरामद हुआ है। अभय ने बताया कि उसने शनिवार को किरण के हाथ-पैर जोड़े, गुहार लगाई कि ओला चलाकर इतना नहीं कमाता है कि आए दिन पैसा दूं। किरण नहीं मानी तो झगड़ा हुआ। इसके बाद पहले केबिल वायर से गला घोंटा, इसके बाद सब्जी काटने वाले चाकू से गला रेत दिया। किरण की मौत होने के बाद अभय पड़ोसी की दीवार फांदकर बाहर आया, इस दौरान पड़ोस की एक महिला ने देखा था, लेकिन हेलमेट लगाए होने के कारण पहचान नहीं पाई। अभय ने बताया कि बेटी के साथ उसकी आपत्तिजनक फोटो और वीडियो दिखाकर किरण रकम वसूल रही थी। इसी कारण तंग होकर मार डाला।
सीसीटीवी फुटेज और ओला की लोकेशन से हुआ खुलासा प्र्रभारी निरीक्षक रवींद्र नाथ राय के मुताबिक हत्या का राज सीसीटीवी फुटेज और ओला के लोकेशन ने खोला। हत्या के बाद घर पहुंची पुलिस ने करीबी लोगों से बातचीत करनी शुरू की। वहां भी अभय मौजूद था। उसने कई बातें पुलिस को बताई भी थीं। उसकी हरकत से पुलिस को संदेह हुआ। पुलिस ने अभय के पीछे सादी वर्दी में पुलिसकर्मी लगाया गया। पुलिस ने अभय के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली। इसमें किरण वर्मा और उसके बातचीत के रिकार्ड मिले। पुलिस को एक संदिग्ध नंबर मिला। यह वही नंबर था, जिसे अभय खुद रखता था और इसी नंबर से फिल्म देखने के दौरान ओला की बुकिंग की थी। इसी क्लू के सहारे हत्याकांड से पर्दा हट गया।