रोहित द्वारा तलवार से शिवानी पर कई प्रहार किए गए। जिससे उसके सिर में भी गंभीर चोटें आई हैं। चीख पुकार की आवाज सुनकर आसपास रहने वाले लोग जब शिवानी को बचाने दौड़े और उन्होंने रोहित को धर दबोचा। सूचना पर पहुंची पुलिस में शिवानी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम व एसपी सहित सीओ सिटी भी किशोरी को देखने जिला अस्पताल पहुंचे। गंभीर हालत को देखते हुए किशोरी को डॉक्टर ने लखनऊ रेफर कर दिया है। खबर लिखे जाने तक किशोरी की हालत गंभीर बनी हुई थी।
सामने आई पुलिस की सच्चाई
भरे बाजार किशोरी पर तलवार से हमलावर हुए प्रेमी को तो लोगों ने पकड़ लिया। परंतु इस हमले ने पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सड़क पर सरे शाम कोई भी किसी को जान से मारने का प्रयास कर सकता है और पुलिस को यह घटना लोगों से पता चलती है। पूरे मामले में घटना की सूचना के करीब 20 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
सामने आई पुलिस की सच्चाई
भरे बाजार किशोरी पर तलवार से हमलावर हुए प्रेमी को तो लोगों ने पकड़ लिया। परंतु इस हमले ने पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सड़क पर सरे शाम कोई भी किसी को जान से मारने का प्रयास कर सकता है और पुलिस को यह घटना लोगों से पता चलती है। पूरे मामले में घटना की सूचना के करीब 20 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
कहां था योगी जी का एंडी रोमियो स्क्वायड
मोहब्बत का शिकार हुई नाबालिक किशोरी के साथ हुई घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था सहित योगी सरकार द्वारा बनाए गए एंटी रोमियो स्क्वायड पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ही एंटी रोमियो स्क्वायड बनाया गया था। अब पूरे मामले में प्रशासन पुलिस के आला अधिकारी सिर्फ कार्यवाही की बात कह रहे हैं। मामले में डीम आकाशदीप ने किशोरी के परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात भी कही है।
नहीं मिली सरकारी एंबुलेंस
मामले में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था एक बार फिर सामने आई। जहां गंभीर घायल व गरीब परिवार की इस युवती को इलाज के लिए लखनऊ भेजने तक का प्रबन्ध स्वास्थ्य विभाग नहीं कर सका। देर होती देख अस्पताल में मौजूद लोगों ने पीडि़त के परिवार की आर्थिक मदद की जिसके बाद निजी एंबुलेंस को बुलाने की व्यवस्था शुरु हुई। लोगों की इस पहल को देख स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और उसके बाद किशोरी को भेजने के लिए एंबुलेंस का प्रबंध किया गया ।
मोहब्बत का शिकार हुई नाबालिक किशोरी के साथ हुई घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था सहित योगी सरकार द्वारा बनाए गए एंटी रोमियो स्क्वायड पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ही एंटी रोमियो स्क्वायड बनाया गया था। अब पूरे मामले में प्रशासन पुलिस के आला अधिकारी सिर्फ कार्यवाही की बात कह रहे हैं। मामले में डीम आकाशदीप ने किशोरी के परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात भी कही है।
नहीं मिली सरकारी एंबुलेंस
मामले में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था एक बार फिर सामने आई। जहां गंभीर घायल व गरीब परिवार की इस युवती को इलाज के लिए लखनऊ भेजने तक का प्रबन्ध स्वास्थ्य विभाग नहीं कर सका। देर होती देख अस्पताल में मौजूद लोगों ने पीडि़त के परिवार की आर्थिक मदद की जिसके बाद निजी एंबुलेंस को बुलाने की व्यवस्था शुरु हुई। लोगों की इस पहल को देख स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और उसके बाद किशोरी को भेजने के लिए एंबुलेंस का प्रबंध किया गया ।