सॉल्वर गैंग का सरगना इलाहाबाद निवासी ओम सहाय पुत्र अवध बिहारी को अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया है। ये जालसाज कई अन्य परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाकर परीक्षार्थियों से मोटी रकम वसूल करते थे। इन पर एसटीएफ की पहले नजर थी। एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिहं ने बताया कि दो तरह से परीक्षा में सेंध लगाने की तैयारी थी। लखनऊ में जो गैंग पकड़ा गया, वो पेपर लीक करवा रहा था। उनके पास से 35 प्रश्नपत्र मिले हैं।
लखनऊ से पकड़े गए अभ्यर्थियों को पेपर दिखाकर सवालों के जवाब याद कराए जाते थे। इसके लिए उनसे दो लाख रुपये लिए जाते थे। उनसे एडवांस चेक और ओरिजनल शैक्षिक प्रमाणपत्र जमा करवा लिए जाते थे ताकि वे रकम अदा करने में नाटक न करें। वहीं इलाहाबाद, आगरा और कानपुर में सॉल्वर गैंग के जरिये सेंध लगाई जानी थी। इसके लिए बिहार से 50-50 हजार रुपये में सॉल्वर बुलाए गए थे।
ये बिचौलिए पकड़े गए फतेहपुर से भारत भूषण सिंह, इलाहाबाद से जगदीश सिंह, लखनऊ से सतीश कुमार सरोज, शुभम प्रजापति, फतेहपुर से उत्कर्ष सिंह, विनोद सिंह, प्रतापगढ़ से सूर्य कुमार यादव, मऊ से रविकांत मौर्या, गोरखपुर से रमापति दुबे, मिर्जापुर से मंगल सिंह, रमेश्वर सिंह, कानपुर से संकल्प तिवारी, गाजीपुर से यशवंत कुमार, जौनपुर से सचिन कुमार यादव और मनीष यादव।
लखनऊ से हुए ये गिरफ्तार लखनऊ से राजकुमार सिंह, रंजीत, अरविंद सिंह, कृष्णा कुमार, रावेंद्र सिंह, गणेश प्रसाद और उदित निशंक पकड़े गए। इलाहाबाद से इन्हें किया गया गिरफ्तार इलाहाबाद निवासी ओम सहाय, कौशंबी निवासी विनीत कुमार, अमान अहमद और जितेंद्र कुमार को अरेस्ट किया गया।
बरामदगी पकड़े गए जालसाजों से मोबाइल फोन, प्रश्न पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र, प्रवेश पत्र, एटीएम कार्ड और 84,850 रुपये बरामद किए गए हैं। बिहार से बुलाए गए सॉल्वर बिहार से चिंटू कुमार, संजू कुमारी, पिंटू कुमार, कन्हाई पंडिट और सौरभ पकड़े गए।
बरामदगी 24 व्हाट्सऐप चैट के स्क्रीन शॉट, 20,650 रुपये, 18 आधार कार्ड, 14 मोबाइल फोन और 5 प्रवेश पत्र बरामद किए गए हैं। कानपुर और आगरा से आगरा से सॉल्वर मृत्युंजय कुामार, कानपुर से सॉल्वर हरेराम, दीपेश कुमार और कौशंबी का बिचौलिया अनुज कुमार पाण्डेय को पकड़ा गया।
बरामदगी आगरा से ओएमआर शीट, प्रश्न पत्र और सिटिंग प्लान की कॉपी बरामद की गयी है, तो वहीं कानपुर से कैश, मोबाइल फोन और आधार कार्ड बरामद किए गए हैं।