युवा-टू-यूथ कनेक्ट का आधार दिल्ली में आयोजित होने वाली इस कांफ्रेंस में राजदूत, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ के साथ देश के 60 युवा शामिल होंगे। लखनऊ विश्वविद्यालय के स्टूडेंट सार्थक सिन्हा ने बताया कि भारत-बोत्सवाना युवा वार्ता में बोत्सवाना और भारत के बीच बढ़ते संबंधों पर बोत्सवाना और राजनियकों के उच्चायुक्त के साथ बातचीत होगी। एक ये होगा और दूसरा इसमे कुछ एक्सचेंजेस प्रोग्राम होंगे। आज इंडिया टेक्नोलॉजी के माध्यम से तेजी से प्रगति कर रहा है। लेकिन बोत्सवाना के पास टेक्नोलॉजी से ज्यादा मिनरल्स, कोल, माइन्स है। एक्सचेंज प्रोग्राम में इन बातों का जिक्र जाएगा कि कैसे भारत और बोत्सवाना एक दूसरे की मदद इस तरह के सहयोग से कर सकते हैं। यह कांफ्रेंस दोनों देशों के बीच एक मजबूत युवा-टू-यूथ कनेक्ट का आधार देता है। भारत और बोत्सवाना के बीच ऐतिहासिक संबंधों, उनकी संस्कृति के बारे में कुछ तथ्यों, उनके जनसांख्यिकी विवरण के बारे में जानकारी मिलेगी।
टेक्नोलॉजी के माध्यम से दूर करना है एड्स भारत और बोत्सवाना दोनों ही विशाल युवा क्षमता वाले राष्ट्र हैं। इस मामले में सार्थक सिन्हा ने कहा कि कांफ्रेंस का मुख्य आधार होगा कि वो क्या तरीके या फिर यूं कहें कि वो कौन से स्टेप्स हैं, जिससे दोनों देशों का यूथ साथ आ सके। फिर चाहे वो टेक्नोलॉजी हो या इकोनॉमिक डेवलेप्मेंट हो। बोत्सवाना का में एड्स रेशियो 40 फीसदी है, जो कि भारत के मुकाबले ज्यादा है। इस लिहाज से बोत्सवाना को वो टेक्नोलॉजी से अवगत कराया जा सकता है, जिससे कि वहां के लोगों को एड्स से निजात मिल सके। इस कांफ्रेंस का बेसिक उद्देश्य यही है कि कैसे दोनों देश साथ आगे बढ़ सकें।
लखनऊ विश्वविद्यालय के सार्थक एमटीटी के स्टूडेंट हैं। इसके अलावा सार्थक एनएसएस वालंटियर रह चुके हैं। वे डेढ़ साल से चारबाग में बस्ती में फ्री एजुकेशन भी दे रहे हैं। उन्हें प्रेसिडेंट अवार्ड के लिए नामांकित भी किया गया है।