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जहरीली हुई राजधानी की हवा, खतरनाक स्तर पर एक्यूआई, 9 निर्माण इकाइयों को जारी हुआ नोटिस

locationलखनऊPublished: Oct 18, 2020 12:01:30 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

शनिवार को एक बार फिर शहर में हवा की गुणवत्ता खराब हो गयी। खतरे को भांपते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नौ बड़ी इकाइयों को नोटिस जारी किया गया है। जबकि, जिला प्रशासन ने नगर निगम समेत छह विभाग के साथ बैठक कर हवा को शुद्ध रखने की रणनीति तैयार की है।

जहरीली हुई राजधानी की हवा, एक्यूआई 249 के खतरनाक स्तर पर, 9 निर्माण इकाइयों को जारी हुआ नोटिस

जहरीली हुई राजधानी की हवा, एक्यूआई 249 के खतरनाक स्तर पर, 9 निर्माण इकाइयों को जारी हुआ नोटिस

लखनऊ. अनलॉक में सड़कों पर वाहनों की आवाजाही शुरू होने के साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। लॉकडाउन में जहां राजधानी की आबोहवा शुद्ध हो गई थी, वहीं अनलॉक में एक बार फिर शहर की सेहत बिगड़ने लगी है। राजधानी लखनऊ की हवा जहरीली हो रही है। शनिवार को शहर का एक्यूआई 249 रहा। जबकि रविवार को एक्यूआई पढ़कर 253 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के मुताबिक 11 अक्टूबर को शहर की आबोहवा सबसे खराब श्रेणी में थी। उस दिन एक्यूआई 209 माइक्रोग्राम रिकार्ड किया गया था। इसके बाद कुछ सुधार के सात प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी में पहुंच गया। लेकिन शनिवार को एक बार फिर शहर में हवा की गुणवत्ता खराब हो गयी। खतरे को भांपते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नौ बड़ी इकाइयों को नोटिस जारी किया गया है। जबकि, जिला प्रशासन ने नगर निगम समेत छह विभाग के साथ बैठक कर हवा को शुद्ध रखने की रणनीति तैयार की है।
वाहनों का धुआं और खस्ताहाल सड़कें प्रमुख कारण

वाहनों का धुआं और खस्ताहाल सड़कें शहर में प्रदूषण बनाने का मुख्य कारण माना जा रहा है। तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र में तीन उद्योगों को वायु प्रदूषण करते हुए पकड़ने गया है। इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सीपीसीबी की रिपोर्ट की मुताबिक राजधानी की हवा को प्रदूषित करने में सूक्ष्म कण पीएम 2.5 जिम्मेदार है।
निर्माण कार्य भी है मुख्य कारण

सेतु निगम द्वारा शहीद पथ से एयरपोर्ट तक बनवाए जा रहे ओवर ब्रिज तथा टेढ़ी पुलिया ओवर ब्रिज साइट पर वायु प्रदूषण के मानकों की परवाह नहीं की जा रही है। निर्माण कार्य से होने वाले धुएं से शहर की सेहत बिगड़ रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर की प्रमुख सड़कों की धूल व अन्य पार्टिकल्स की जांच करायी है। जांच में पता चला है कि शहर के वायु प्रदूषण में पीएम 10 का 78 प्रतिशत तथा पीएम 2.5 का 66 प्रतिशत रोड डस्ट के कारण हैं।
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