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मिसाल : यूपी के एक छोटे गांव के दलित युवक ने अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से किया एलएलएम

locationलखनऊPublished: Jan 22, 2020 05:07:31 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

अनुराग भास्कर सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के लिए बने मिसाल

मिसाल : यूपी के एक छोटे गांव के दलित युवक ने अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से किया एलएलएम

मिसाल : यूपी के एक छोटे गांव के दलित युवक ने अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से किया एलएलएम

लखनऊ. अनुराग भास्कर के लिए उनकी मां और पिता ने इंजीनियर बनने के सपने सजाए थे। पर अनुराग के मन में कुछ और चल रहा था। उत्तर प्रदेश की राजधानी से 58 किलोमीटर दूर उन्नाव जिले के एक छोटे गांव के एक दलित युवक को डॉ. भीमराव अम्बेडकर के आकर्षण ने वकील बनने के लिए प्रेरित किया। सफर आसान नहीं था। फिर भी अपने लगान और परिश्रम से हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम करने वाले आरएमएलएनएलयू के पहले छात्र बने। यह भी संभावना है कि हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम करने वाले वह दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हों। अनुराग की यह सफलता सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के लिए एक मिसाल बन गए।
अनुराग भास्कर के लिए आरएमएलएनएलयू लखनऊ में पढ़ाई के दौरान काम से दिल्ली जाने के बारे में सोचना भी विदेश जाने जैसा था। हार्वर्ड जाना तो एक बड़ी बात थी। समाज के सबसे निचले तबके से आने वाले अनुराग भास्कर को तनिक भी इस बात की शर्म नहीं है एक वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में वह बताते है कि हां, बिल्कुल। मैं दलित समुदाय से हूं। यह मेरी पहचानों में से एक है, लेकिन इसने मेरे जीवन में विकल्पों को को चुनने में प्रमुख रूप से प्रभावित किया। हार्वर्ड में आना केवल मेरे अपने बारे में ही नहीं था। व्यक्तिगत रूप से और पेशेवर रूप से मुझे मिले एक्सपोज़र के अलावा, हार्वर्ड तक की पढ़ाई की मेरी यात्रा करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं की प्रतीक है, जो आज भी समाज के हाशिये पर जीने के लिए मजबूर हैं।
हार्वर्ड लॉ स्कूल में प्रवेश की जानकारी देते हुए अनुराग भास्कर बताते हैं कि हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है। एक जून से यहां दाखिला खुल जाता है। आवेदन के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। ऑनलाइन आवेदन पत्र के अलावा, एक अभ्यर्थी को बायोडाटा,पर्सनल स्टेटमेंट प्रश्न, ट्रांसक्रिप्ट और दो ‘रिकमेंडेशन लेटर’देना जरूरी होता है। ‘पर्सनल स्टेटमेंट’ प्रश्न को दो हिस्सों बंटा गया है। पहले हिस्से में कानूनी निबंध आता है, जिसमें किसी मुद्दे पर या किसी देश में चल रही एक वर्तमान कानूनी समस्या का वर्णन किया जाता है। कानूनी निबंध को अधिक प्रामाणिक,विश्लेषणात्मक होना चाहिए। दूसरे हिस्स ‘पर्सनल स्टेटमेंट’ के समान है। इसमें हार्वर्ड से एलएलएम क्यों करने से सम्बंधित प्रश्न होते हैं। दोनों हिस्सों को 1500 शब्दों लिखना होता है। इसके अलावा दो और सवाल होते हैं।
जिन छात्रों को एलएलएम करने में वित्तीय संकट सामने आता है उन्हें हार्वर्ड लॉ स्कूल 52000 डॉलर (लगभग 36 लाख रुपए) की सहायता प्रदान करता है। बाकी की व्यवस्था बैंक आदि से की जा सकती है।
अनुराग भास्कर शिक्षण, लिटिगेशन, नीति और राजनीति को अपना कार्यक्षेत्र बनाना चाहते हैं। पर वे मानते हैं कि इन चारों का सक्रिय हिस्सा होना वास्तव में असंभव है और इन सभी क्षेत्रों में काम को संतुलित करने के लिए कई मील के पत्थर ढूंढ़ने होंगे। अपने प्रोफेसर रिचर्ड लाजर के भाषण के एक छोटे से हिस्से के बारे में अनुराग जिक्र करते हैं कि, “अपने हार्वर्ड लॉ स्कूल की डिग्री द्वारा अपने जीवन को न मापें, बल्कि आप इसके साथ क्या करते हैं इससे नापें।” अनुराग ने कहा इसलिए मैं भारत में काम करने का इंतज़ार कर रहा हूं।
अपने एलएलएम करने तक के सफर में आने वाले कई व्यक्ति अनुराग भास्कर के जीवन में अमिट छाप छोड़ गए। इन सभी ने सपने देखना और उसे पूरा करना सिखाया। अनुराग ने आरएमएलएनयू में लॉ स्कूल के दौरान 7 अलग-अलग जजों के साथ इंटर्नशिप की थी। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ के साथ काम सीखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक साल की क्लर्कशिप भी की।
अनुराग भास्कर का एक परिचय :— हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम डिग्री। डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ से बी.ए. एलएलबी (ऑनर्स)। जुलाई 2017-18 के दौरान डॉ. जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ (जज, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया) के मार्गदर्शन में लॉ क्लर्क/रिसर्चर के रूप में कार्य। इसके अतिरिक्त अनुराग के लेखों ने देश की बड़े अखबारों में जगह पाई है।

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