नमामि गंगा प्रोजेक्ट के तहत 10.32 करोड़ रुपए खर्च करके अटल घाट का निर्माण किया गया पर घाट की सीढ़ियां ऊंची नीची बनाई गई, जिस वजह से प्रधानमंत्री मोदी लड़खड़ा गए थे। प्रधानमंत्री के जाने के बाद सुर्खियों में आए अटल घाट को देखने के लिए रविवार को हजारों लोग पहुंचे। और इस दौरान कई सारे लोग खराब सीढ़ियों की वजह से नीचे गिरे।
मौके पर जाकर जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि सीढ़ियां उंची नीची हैं। यही नहीं इन सीढ़ियों में लगे पत्थर की मोटाई भी असमान हैं। नगर निर्माण अफसरों ने भी इस पूरा ध्यान नहीं दिया। तकरीबन एक साल पहले निर्माण एजेंसी ने सभी घाट नगर निगम को सौंप दिए थे।
केंद्र सरकार ने दो वर्ष पूर्व इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड को 29 घाटों और चार शवदाह गृहों के निर्माण का ठेका 44.30 करोड़ रुपए में दिया गया था। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत अंजाम दिया गया। इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड ने अपगैल 2018 में गंगा बैराज के पास अटल घाट का निर्माण शुरू किया। कम्पनी ने 18 महीने में प्रस्तावित यह कार्य 10महीने में पूरा कर दिया पर इस घाट में सीढ़ियां बनाने के मानकों को नजर अंदाज किया गया।
खंडीय आयुक्त सुधीर एम. बोबडे ने कहा, “घाट पर सिर्फ एक सीढ़ी की ऊंचाई असमान है, जिसे तोड़कर दोबारा से अन्य सीढ़ियों के समान बनाया जाएगा। इस सीढ़ी पर कई लोग गिर चुके हैं, इसलिए इसे जल्द से जल्द बनाया जाना है।” यह सीढ़ी बोट क्लब की ओर तीसरी रैंप की नौवीं सीढ़ी है।
खंडीय आयुक्त सुधीर एम. बोबडे ने कहा, “मैं निर्माण कंपनी को जल्द से जल्द सीढ़ी ठीक कराने के लिए कहूंगा और सभी सीढ़ियां समान ऊंचाई की बनवाऊंगा।” इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिध तनवीर ने कहा, “आदेश मिलने पर हम अटल घाट पर इस सीढ़ी को तोड़ देंगे और उसका दोबारा निर्माण करेंगे। अटल घाट पर जब निर्माण कार्य चल रहा था, तो वहां आरती करने आने वाले कुछ श्रद्धालुओं ने सीढ़ियों की ऊंचाई कुछ ज्यादा करने का आग्रह किया था जिससे वे इन सीड़ियों पर बैठकर पूजा कर सकें।”
तनवीर ने कहा कि चूंकि घाट पर सीढ़ियां बन चुकी हैं तो घाट के ऊपरी क्षेत्र में 30 वर्ग फीट के क्षेत्र में दो सीढ़ियों की ऊंचाई बदलने और आगंतुकों के बैठने के लिए कुछ नया स्थान बनाने का निर्णय लिया गया है।