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अयोध्या के बाद योगी के एजेंडे में 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र और हस्तिनापुर

locationलखनऊPublished: Jan 09, 2020 05:58:52 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

84 कोसी यात्रा मार्ग के किनारे राम की पौराणिकता से जुड़े मंदिरों और धार्मिक स्थलों की पहचान कर इन्हें दुनिया के नक्शे पर लाने का काम किया जा रहा है।

अयोध्या के बाद योगी के एजेंडे में 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र और हस्तिनापुर

अयोध्या के बाद योगी के एजेंडे में 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र और हस्तिनापुर

लखनऊ. अयोध्या के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख एजेंडे में 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र और हस्तिनापुर है। सरकार पांच हज़ार साल से द्रौपदी के श्राप से शापित महाभारतकालीन नगरी हस्तिनापुर को धार्मिक पर्यटन स्थल के रुप में विश्व के मानचित्र पर लाना चाहती है। इसके लिए पर्यटन विभाग को कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया गया है। वहीं 84 कोसी यात्रा मार्ग के किनारे राम की पौराणिकता से जुड़े मंदिरों और धार्मिक स्थलों की पहचान कर इन्हें दुनिया के नक्शे पर लाने का काम किया जा रहा है। इस योजना में योगी सरकार की मदद करने के लिए केंद्र सरकार ने पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए 7,195 करोड़ रुपए लागत वाली योजनाओं को मंजूरी दे दी है। कुछ परियोजनाओं का प्रथम चरण पूरा हो चुका है।
अयोध्या की प्रसिद्ध 84 कोसी यात्रा में आने वाले पांच शहरों के सभी धार्मिक स्थलों का विकास करने का प्रस्ताव है। जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और अध्यात्म, संस्कृति और संस्कार को पुष्ट किया जा सकेगा। चौरासी लाख योनियों में भटकने से बचने के लिए अयोध्या की चौरासी कोसी य़़ात्रा की हिन्दुओं में काफी मान्यता है। राजा दशरथ की अयोध्या चौरासी कोस में फैली थी। भगवान राम से जुड़े पौराणिक स्थल इसी 84 कोस परिक्रमा मार्ग पर हैं। अयोध्या से 20 किमी उत्तर स्थित बस्ती जिले के मखौड़ा धाम से परिक्रमा यात्रा शुरु होती है। पांच जिलों में पड़ने वाले 21 पड़ावों का दर्शन कर वापस लौट आती है। इन जिलों के नाम बस्ती, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, गोंडा और अयोध्या शामिल हैं।
अयोध्या में तीन प्रकार परिक्रमा होती हैं जिनमें 84 कोसी, 14 कोसी और पंचकोसी की परिक्रमा हैं। इनमें 14 कोसी परिक्रमा शहर के बीच में स्थित है, वहीं अन्य दो परिक्रमाएं अयोध्या जिला के चारों तरफ अवध क्षेत्र में हैं।
84 कोस परिक्रमा मार्ग के तहत इन पांच जिलों के प्रमुख धार्मिक स्थल बस्ती जिले के मखभूमि (मखौड़ा), रामरेखा, अंबेडकरनगर जिले के श्रवण क्षेत्र, अयोध्या जिले के श्रृंगी ऋषि आश्रम, श्रवण कुमार आश्रम बारुन, दशरथ समाधिस्थल बिल्वहरिघाट, सूर्यकुंड दर्शननगर, गौराघाट चकियवापारा, तारडीह, रामचौरा, सूर्यकुंड रामपुरभगन, दुग्धेश्वर कुंड (सीताकुंड) दराबगंज, नंदीग्राम भरतकुंड, पिशाच मोचन कुंड व मानस तीर्थ, जटाकुंड़, शत्रुघ्न कुंड, रामकुंड पुष्पनगर पुंहपी, श्रीरमणक आश्रम पंडितपुर, गहनाग आश्रम सौरही मिल, आस्तीक आश्रम व ऋषि यमदग्नि की तपस्थली आस्तीकन, जन्मेजय कुंड अमानीगंज, ऋषि च्यवन आश्रम कीन्हूपुर, श्रीगौतम आश्रम रुदौली, ऋषि माण्डव्य आश्रम व तमसोत्पत्ति स्थान मवई, ऋषि पाराशर आश्रम देवराकोट, मां कामख्या भवानी सुनबा जंगल रुदौली, बड़ी देवकाली व छोटी देवकाली, लक्ष्मीकुंड फतेहगंज, गिरिजा कुंड और जनकौरा क्षेत्र के तीर्थ स्थल जैसे ढकहवा ताल, पहाड़पुर, हनुमानगढ़ी नाका आदि, बंदी देवी (जालपा देवी), गुप्तारघाट, गोंडा जिले के संत तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर, डलुवाघाट व हनुमान मंदिर, बाबा नरहरिदास की कुटिया व भगवान वाराह मंदिर सूकर क्षेत्र, उत्तरी भवानी (वाराही देवी), जंबू तीर्थ-ऋषि अगस्त्य व तुंदिल आश्रम सरचंडी गांव भौरीगंज, महर्षि यमदग्नि आश्रम जमथा, अष्टावक्र आश्रम अमदही, शौनडीहा बनगांव, पाराशर मुनि आश्रम परास आदि शामिल हैं।
अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा पथ के लिए फरवरी 2019 में केंद्र ने लगभग तीन हजार करोड़ की लागत से बनने वाले चौरासी कोसी परिक्रमा पथ की स्वीकृति के साथ इसे राजमार्ग घोषित कर दिया है। पहले फेज में 91 किलोमीटर की सड़क बन चुकी है। आगे 896 करोड़ रुपए से चार लेन की सड़क का विस्तार किया जाएगा।
अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि अयोध्या की चौरासी कोसी की परिधि में पड़ने वाले आध्यात्मिक, धार्मिक श्रद्धा के केंद्रों के विकास के साथ राम की पैड़ी से पूरब की दिशा में दशरथ समाधि तक ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्ताव सौंपा है। उन्होंने धर्मनगरी के साथ सभी आध्यात्मिक स्थलों का विकास व सरयू तट पर ग्रीन बेल्ट विकसित कराए जाने का आश्वासन दिया है और कहा है कि इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
अयोध्या और उसके आसपास फैले करीब 250 किलोमीटर के 84 कोस परिक्रमा मार्ग को फोर लेन बनाया जा रहा है। इस मार्ग के किनारे राम की पौराणिकता से जुड़े 141 से अधिक मंदिरों और धार्मिक स्थलों की पहचान कर इन्हें दुनिया के नक्शे पर लाने का काम किया जा रहा है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की इन पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग 3000 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा, 70 किलोमीटर लंबी रिंग रोड का निर्माण 2168 करोड़ों रुपए की लागत से होगा, 49 किलोमीटर का अयोध्या-अकबरपुर फोरलेन 1081 करोड़ रुपए में बनेगा, 1500 करोड़ रुपये में सरयू नदी पर बड़ा बैराज बनेगा, 202 किलोमीटर का राम वन गमन मार्ग 3000 करोड़ रुपए में बनेगा और 55 करोड़ रुपए में अयोध्या बाइपास सिटी एरिया का सुंदरीकरण होगा।
हस्तिनापुर द्रौपदी के शाप से होगा शीघ्र मुक्त, पर्यटन स्थल बनाने की कार्ययोजना बनाने का निर्देश

पांच हज़ार साल पहले द्रौपदी का एक शाप, ‘जहां नारी का सम्मान नहीं होता वो स्थान पिछड़ जाता है’ हस्तिनापुर के लिए आजतक भारी पड़ रहा है। पर गंगा य़ात्रा हस्तिनापुर को पवित्र कर उसके विकास की यात्रा का रास्ता खोलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका बीड़ा उठाया है। हस्तिनापुर को बड़ा पर्यटन स्थल बनाने की तैयारियां चल रही हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 460 किमी दूर मेरठ शहर है। जहां से पैंतालिस किलोमीटर दूर महाभारतकालीन हस्तिनापुर है। पांडवों की राजधानी हस्तिनापुर रोजगार और उद्योग से कोसों दूर है। और पर्यटन का कहीं कोई पता नहीं है।
आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1949 में हस्तिनापुर को पर्यटन स्थल बनाने की कवायद जारी की थी। पर कवायद आज तक जारी है। हस्तिनापुर को पर्यटन स्थल बनाने में विधानपरिषद सदस्य यशवंत सिंह ने काफी मेहनत की है। 30 दिसंबर 2019 को यशवंत सिंह ने इस मामले के एक प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक खत लिखा था। मुख्यमंत्री ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सूबे के पर्यटन विभाग और संस्कृति निदेशालय को हस्तिनापुर के पुनरोद्धार के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
गंगा यात्रा की शुरुआत बिजनौर के सबलगढ़ से 27 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुबह 9.30 बजे गंगा पूजन के साथ शुरू होगी। वे हस्तिनापुर जाएंगे और शाम 6.30 बजे एक जनसभा को संबोधित करने के बाद गंगा आरती में शामिल होंगे।
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