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संगीनों के साए में एक बार फिर से अयोध्या !

locationलखनऊPublished: Dec 02, 2019 05:05:56 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

छह दिसंबर की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, अयोध्या में सुगबुगाहट होनी शुरू हो गई है।

Ayodhya

संगीनों के साए में एक बार फिर से अयोध्या

लखनऊ. छह दिसंबर की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, अयोध्या में सुगबुगाहट होनी शुरू हो गई है। जब से जमीयत उलेमा ए हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात कहीं है, तब से अयोध्या में सुरक्षा के इंतजाम दुरस्त किए जा रहे हैं। लगता है एक बार फिर से राम नगरी की जनता कैद हो जाएगी।
बाबरी मस्जिद विध्वंस के छह दिसम्बर को 27 वर्ष पूरे होने को देखते हुए धार्मिक नगरी अयोध्या में राम जन्मभूमि के आसपास और हनुमानगढ़ी में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।।

इस वक्त अयोध्या में राम विवाह का उत्सव चल रहा है। अयोध्या में अन्य वर्षों के मुकाबले इस बार लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आने के बाद उम्मीद है कि छह दिसम्बर को और भीड़ आ जाए। इसको देखते हुए प्रशासन अलर्ट है। अयोध्या में सुरक्षा घेरा को फिर से सख्त किया जा रहा है। बैरियर लगाए जा रहे हैं। 4 दिसंबर की शाम से जिले की सीमाएं सील हो सकती हैं।
छह दिसम्बर को माहौल को हल्का करने के लिए कई संगठन काम कर रहे है। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) इस बार 6 दिसंबर को शौर्य दिवस नहीं मनाएगा। रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आह्वान के बाद विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने यह फैसला लिया है कि विहिप इस बार 6 दिसंबर को शौर्य दिवस नहीं मनाएगा। विहिप ने साफ किया कि इस बार लोगों के बीच सद्भाव बनाने के लिए कार्यक्रम करने के प्रयास किए जाएंगे।
विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा संतों का जो निर्देश है,उसी का पालन किया जाएगा। संतों के निर्देश पर ही अयोध्या में विहिप अपनी कार्ययोजना बनाती है।
विहिप के इस निर्णय के बाद सुरक्षा एजेंसियों को कुछ राहत जरूर मिली होगी। चार दिन पहले एसपी सिटी विजय पाल सिंह के मुताबिक राम विवाह और 6 दिसंबर के ढांचा ध्वंस की तारीख को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट पर है। अयोध्या सहित आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा बंदोबस्त समर्थक कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले जो फोर्स आई थी, वह अभी रुकी हुई है।
सीओ अयोध्या अमर सिंह ने बताया फैसले के बाद से तराशे गए पत्थरों को देखने के लिए श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ गई है। इसी के मद्देनजर सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं, जिससे कोई अराजक तत्व परिसर में प्रवेश न कर सकें।

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