लखनऊ

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर बवाल

राममंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले ओबीसी को ट्रस्ट में न रखना गलत: उमाअनशन पर बैठे महंत परमहंस दास, मोहनभागवत को ट्रस्ट अध्यक्ष बनाने की मांगदेश के पहले दलित शंकराचार्य कन्हैया प्रभुनंद गिरी का भी झलका दर्द, बोले- औपचारिकता न निभाएं, विश्वास जीतें

लखनऊFeb 07, 2020 / 08:16 pm

Mahendra Pratap

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर बवाल

महेंद्र प्रताप सिंह
लखनऊ. श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में पद हासिल करने को लेकर छिड़ा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बाद अब मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती ने भी कहा कि राममंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले ओबीसी समुदाय के लोगों को ट्रस्ट में स्थान न देना गलत है। जूनागढ़ के पहले दलित महामंडलेश्वर कन्हैया प्रभुनंद गिरि ने भी भागीदारी पर सवाल खड़ा किया है। उधर, तपस्वी अखाड़े के महंत परमहंस दास ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को ट्रस्ट का संरक्षक बनाने की मांग को लेकर अनशन शुरू कर दिया है।
राम जन्मभूमि के अग्रणी नेताओं में से एक भाजपा उपाध्यक्ष उमा भारती ने कहा है सरकार ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में दलित समुदाय के एक व्यक्ति को नामित किया है। अच्छा होता अगर ओबीसी समुदाय का भी एक व्यक्ति ट्रस्ट में शामिल किया जाता। उन्होंने कहा, राममंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले ओबीसी को ट्रस्ट में न रखना गलत है।
उमा ने लिया कल्याण और विनय कटियार का लिया नाम :-

उमाभारती ने कहा, कल्याण सिंह,विनय कटियार और वह खुद राम मंदिर के आंदोलन में प्रमुख रूप से सक्रिय थे। लेकिन यदि सरकार ने यह राजनीतिज्ञ व्यक्ति को ट्रस्ट में शामिल नहीं करने का निर्णय लिया है तो फिर किसी गैर राजनीतिक ओबीसी को जरूर शामिल किया जाना चाहिए था। उमा भारती ने कहा हमें यह याद रखना चाहिए कि भले ही राम मंदिर के लिए सभी हिंदुओं ने आंदोलन किया लेकिन इसका नेतृत्व ओबीसी के हाथों में था। रामजन्मभूमि आंदोलन में साध्वी रितंभरा का भी महत्वपूर्ण योगदान था। जोशीले भाषणों को लेकर वह काफी चर्चित हुई थीं। वे भी पिछड़े वर्ग से ही आती हैं।
दलितों को दें वास्तविक जिम्मेदारी: जूनागढ़ महामंडलेश्वर :-

जूनागढ़ अखाड़े के पहले दलित महामंडेलेश्वर कन्हैया प्रभुनंद गिरि भी ट्रस्ट में नुमांइदगी को लेकर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा, सरकार ने जमीनी रूप से ट्रस्ट में दलितों की भागीदारी की उपेक्षा की है। 32 वर्षीय महामंडलेश्वर ने कहा कि सरकार दलितों के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं पूरी करती हैं। उन्हें वास्तविक जिम्मेदारी नहीं देती। उन्होंने कहा अयोध्या में मंदिर बनना है और मैं आजमगढ़ का रहने वाला हूं। ऐसे में ट्रस्ट में यूपी वालों को जगह मिलनी चाहिए थी। लेकिन सरकार ने इसकी उपेक्षा की। कन्हैया ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा-फार्मेल्टीज न कीजिए विश्वास जीतिए। उन्होंने कहा-ट्रस्ट को लेकर संतों से जल्द ही बातचीत करेंगेे।
परमहंस की सेहत सामान्य, अनशन जारी :-

अयोध्या के तपस्वी अखाड़े के महंत परमहंस दास ने राष्ट्रीय स्वंय संघ के प्रमुख मोहन भागवत को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का संरक्षक घोषित करने की मांग है। इस मांग को लेकर वह चंदौली में अनशन पर बैठ गये हैं। हालांकि, उनका कहना है कि जो लोग ट्रस्ट का विरोध कर रहे हैं, वह सिर्फ पद, प्रतिष्ठा और पैसे की खातिर ट्रस्ट में शामिल होना चाहते हैं। मुगलसराय तहसील स्थित शिव मंदिर में अनशन पर बैठे परमहंस दास यहां राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ रामराज्य की स्थापना को लेकर हवन और यज्ञ करने आए हुए हैं। अनशन पर बैठे दास का डॉक्टरों के दल ने मेडिकल चेकअप किया। उनकी सेहत सामान्य है। इस बीच परमहंस की मांग पर संघ की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
…तो इसलिए कट गया नृत्य गोपालदास और चंपत राय का नाम :-

प्रशासनिक सूत्र के अनुसार ट्रस्ट में महंत नृत्यगोपाल दास और विहिप उपाध्यक्ष चंपतराय का नाम पहले ट्रस्ट में तय था। नृत्यगोपाल दास को अध्यक्ष और चंपत राय को उपाध्यक्ष बनाया जाना था। लेकिन, बाबरी मामले में सीबीआई जांच में नाम आने की वजह से इन दोनों का नाम लिस्ट से बाहर करना पड़ा। क्योंकि बाबरी मस्जिद गिराने के आरोपियों को क्रिमिनल केस में सुप्रीम कोर्ट मस्जिद गिराने को पूरी तरह अवैधानिक माना है। ऐसे में ट्रस्ट को कोर्ट में कोई भी चुनौती दे सकता था। ऐसे में सीबीआई जांच में आरोपी होने से दोनों को संस्थापक ट्रस्टी से बाहर रखना सरकार की मजबूरी हो गई।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.