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अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन करेगी सरकार, अध्यक्ष का नाम सुनकर लेंगे राहत की सांस

locationलखनऊPublished: Feb 10, 2020 05:16:33 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

अयोध्या तीर्थ विकास परिषद बदलेगी अयोध्या की तस्वीरपांच सदस्यीय परिषद का गठन करेगी सरकारजल्द कैबिनेट में आ सकता है प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ होंगे विकास परिषद के अध्यक्ष

अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन करेगी सरकार, अध्यक्ष का नाम सुनकर लेंगे राहत की सांस

अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन करेगी सरकार, अध्यक्ष का नाम सुनकर लेंगे राहत की सांस

लखनऊ. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बाद अब अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन किया जाएगा। जिसका उपयोग अयोध्या के इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद करना होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के अध्यक्ष होंगे। मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मोहर लग सकती है।
ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर-प्रदेश अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का स्वरूप ब्रज तीर्थ परिषद जैसा होगा। परिषद के दायरे में रामनगरी के 100 वर्ग किमी के भू-भाग समेत पांच जिलों से होकर गुजर रहे 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का क्षेत्र होगा। उत्तर-प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद की तरह अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के अध्यक्ष भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। लोक निर्माण, पर्यटन, वित्त, संस्कृति, नगर विकास, परिवहन, वन, पर्यावरण विभागों के प्रमुख सचिव एवं सचिव इसके सदस्य होंगे। इस संबंध में जल्द शासनादेश जारी करने की तैयारी है।
अयोध्या को स्मार्ट और भव्य शहर बनाने की तैयारियां हो रही है। रामलला का मंदिर बनने के बाद अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी। पर्यटन की संभावनाओं में जबर्दस्त इजाफा होगा। अयोध्या शहर के बुनियादी ढांचा को खड़ा करने में मदद करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या तीर्थ विकास परिषद बनाने का बड़ा फैसला लिया है। परिषद में पांच सदस्य होंगे। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। इस परिषद की जिम्मेदारी 2 साल में अयोध्या की तस्वीर बदलने की होगी। अयोध्या तीर्थ विकास परिषद राज्य और केन्द्र के साथ मिलकर अयोध्या के विकास पर फैसला लेगी। ट्रस्ट के गठन के बाद अयोध्या के विकास के लिए 250 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। राज्य सरकार की कैबिनेट में फ़ैसला होना बाकी हैं। मंगलवार को होने वाली कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मोहर लग सकती है।
ट्रस्ट के नाम में ‘क्षेत्र’ के दायरे में अयोध्या की पूरी सांस्कृतिक सीमा :- अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि ट्रस्ट के नाम में क्ष़े शब्द जोड़ा गया है इसका अर्थ है कि ट्रस्ट के दायरे में में अयोध्या की पूरी सांस्कृतिक सीमा है। इस हिसाब से गठित ट्रस्ट का कार्य सिर्फ अधिगृहित 67 एकड़ भूमि के दायरे तक सीमित नहीं है। यह ट्रस्ट अयोध्या की पूरी सांस्कृतिक सीमा में धार्मिक और तीर्थाटन की दृष्टि से भी नीतिगत निर्णय लेगा। ट्रस्ट को मिले इसी व्यपाक अधिकार के कारण ही अयोध्या विवाद में विरोधी पक्ष को मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा के बाहर दी गई है।
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