इससे पूर्व बाबरी विध्वंस मामले के 32 आरोपियों को कोर्ट के फैसले का इंतजार था। इनमें से 26 आरोपी कोर्ट पहुंचे बाकी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला को सुना। फैसले को सुनने के बाद सभी आरोपियों ने खुशी जताई। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, महंत नृत्य गोपाल दास ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला को सुना।
कारसेवकों को रोकने का प्रयास किया गया था :- स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव ने अपने फैसले में कहा कि घटना वाले दिन विहिप व उसके तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक सिंघल ने उग्र भीड़ को रोकने की कोशिश की। जज ने अशोक सिंघल के एक वीडियो का भी जिक्र अपने फैसले में किया। जज ने कहा कि जो भी आरोपी वहां मौजूद थे सभी ने कारसेवकों को रोकने का प्रयास किया। ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि इसके पीछे साजिश रची गई थी।
फैसला कानून और हाईकोर्ट के खिलाफ : जिलानी मुस्लिम पक्ष की तरफ से जफरयाब जिलानी ने कहा कि यह फैसला कानून और हाईकोर्ट दोनों के खिलाफ है। विध्वंस मामले में जो मुस्लिम पक्ष के लोग रहे हैं उनकी तरफ से हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।