यूपी उपचुनाव में सहानुभूति कार्ड चलेगी भाजपा :- ऐसा माना जा रहा है कि उपचुनाव की सातों सीटों पर मुसकुराते हुए कमल खिले इसके लिए भारतीय जनता पार्टी सहानुभूति कार्ड भी चल सकती है। जिन विधानसभा सीटों पर विधायकों की मृत्यु हुई है उनके परिजनों को टिकट देकर जनता के बीच फैली सहानुभूति लहर का फायदा ले सकती है। दूसरी अन्य विधानसभा सीटों पर भाजपा अपने समर्पित कार्यकर्ताओं को टिकट देकर दांव खेलेगी।
इस वक्त क्षेत्रीय जनता की सहानुभूति बेहतर :- उत्तर प्रदेश सरकार को दो कैबिनेट मंत्रियों चेतन चौहान और कमल रानी के निधन से रिक्त हुईं सीटों पर भेजे गए पैनल में उनके परिवारीजन के नाम शामिल हैं। नौगवां सादात क्षेत्र में चेतन चौहान 97 हजार से अधिक वोट लेकर विजयी हुए तो घाटमपुर में कमलरानी भी 92 हजार से ज्यादा वोट बटोरने में कामयाब हुई थीं। इसी प्रकार बुलंदशहर और देवरिया सीटों पर क्रमश: स्व. वीरेंद्र सिरोही व जनमेजय सिंह के परिवारीजन पर पार्टी दांव लगा सकती है। संगठन में एक बड़ा खेमा मानता है कि अल्प समय के लिए होने वाले इस चुनाव में परिवार से हटकर टिकट देने से आंतरिक खींचतान बढ़ना संभव है। ऐसे में क्षेत्रीय जनता की सहानुभूति लेना बेहतर होगा।
सात में छह भाजपा के कब्जे वाली सीटें:- उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव से जिन सात सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें से छह बुलंदशहर, नौगवां सादात, टूंडला, घाटमपुर, बांगरमऊ व देवरिया भाजपा के कब्जे वाली हैं। केवल जौनपुर की मल्हनी सीट समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव के निधन के कारण रिक्त हुई है।
सीएम, अध्यक्ष और महामंत्री सब जुटे :- इन सात सीटों को जीतने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद कर चुके हैं। महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी सातों क्षेत्रों में जाकर चुनावी रणनीति पर चर्चा कर चुके हैं।