नीलम सोनकर को मिली यूपी भाजपा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी, इस पार्टी से शुरू किया था अपना राजनीतिक कैरियर
भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने शनिवार को ठीक एक साल बाद उत्तर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की घोषणा की

आजमगढ़. भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने शनिवार को ठीक एक साल बाद उत्तर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की घोषणा कर दी। भाजपा कार्यसमिति में अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए जातीय समीकरण साधने की पूरी कोशिश की है। यही वजह है कि वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी भाजपा ने दलित समाज से आने वाली पूर्व सांसद नीलम सोनकर को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। जानिए उत्तर प्रदेश भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बनाई गई पूर्व सांसद नीलम सोनकर के बारे में।
बसपा से की थी राजनीतिक कैरियर की शुरूआत : - आजमगढ़ शहर के नरौली मुहल्ला की रहने वाली पूर्व सांसद नीलम सोनकर को भी पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है। वैसे तो नीलम सोनकर ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत वर्ष 2005 में बसपा से की थी। बसपा ने उन्हें 2006 के नगर निकाय चुनाव में आजमगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ाया था लेकिन वे इस चुनाव में बुरी तरह पराजित हुई थी।
नीलम सोनकर भाजपा के टिकट पर बनीं सांसद : - इसके बाद वर्ष 2008 में नीलम ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। बीजेपी ने उन्हें वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में लालगंज संसदीय सीट से प्रत्याशी लड़ाया लेकिन नीलम चुनाव हार गयी। इसके बाद वर्ष 2014 के लोकसभ चुनाव में भी बीजेपी ने नीलम पर विश्वास जताया और लालगंज से टिकट दे दिया। मोदी लहर में नीलम सोनकर सपा के बेचई सरोज को हराकर संसद पहुंच गयी। वर्ष 2019 में फिर उन्हें टिकट तो मिला लेकिन सपा-बसपा गठबंधन में वह कोई करिश्मा नहीं कर पायी और चुनाव हार गयी। अब पार्टी ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर दलितों को साधने की कोशिश की है।
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