एटम ऑन व्हील्स का उद्देश्य इस कैंपेन का उद्देश्य गांव के लोगों को टारगेट कर उन्हें परमाणु ऊर्जा के बारे में सही जानकारी देकर जागरुक करना है। दो साल की कड़ी मेहनत रहे इस कैंपेन को 6 राज्यों में चलाया गया और अब तक 1500 से ज्यादा गावों को कवर किया जा चुका है। इसे हरयाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश , गुजरात, महाराष्ट्र और आंध प्रदेश में कवर किया जा चुका है। ये अभियान एसी बस में कवर किया गया था, जिसे खासतौर से इसी मकसद से बनाया गया था।
वर्ल्ड बेस्ट कैंपेन एटम ऑन व्हील्स को वर्ल्ड बेस्ट कैंपेन माने जाने की उपलब्धि पर अमृतेश सिंह का कहना है कि इस उपलब्धि के जरिये भारत का नाम रौशन किया है। उन्होंने बताया कि इस समय बिजली की आवश्यक्ता बहुत है हमारे देश में लेकिन बिजली बनाने के तरीके बहुत लिमिटेड हैं। देश में 80 फीसदी बिजली हमें कोयले से मिलती है और उससे प्रदूषण बहुत होता है। धीरे-धीरे इस पर वर्ल्ड वाइड काम हो रहा है कि कैसे कोयले की डिपेंडेंसी खत्म की जाए। गांव में लोगों को ऊर्जा संरक्षण के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। हम एटम ऑन व्हील्स Atom on Wheels नाम के कैंपेन से गांव वालों को ऊर्जा संरक्षण के बारे में बताना चाहते हैं।
अमृतेश ने आगे बताया कि न्यूक्लियर एनर्जी की जरूरत और इस्तेमाल अमूमन कई चीजों के लिए होती है। जब कैंसर ट्रीटमेंट किया जाता है, तब न्यूक्लिर एनर्जी की जरूरत होती है। जागरूकता है मकसद
एटम ऑन व्हील्स गांव के लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बनाया गया था। वहां के लोग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते इसलिए उन्हें इन सब बातों की ज्यादा जानकारी नहीं होती। इसकी सक्सेस इस बात से ज्यादा आंकी जा सकती है कि गांव के लोगों पर इसका पॉजिटिव इम्पैक्ट पड़ा।