राज्यसभा चुनावों में बसपा ने अपने राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर रामजी गौतम को राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है। रामजी गौतम 26 अक्टूबर को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। गुरुवार को पार्टी विधायकों की बैठक में नामांकन पत्र पर प्रस्तावकों के हस्ताक्षर भी करा लिए गए। बसपा के पास कुल विधायकों की संख्या 18 है जबकि राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए कम से कम 36 विधायकों का मत जरूरी होगा। ऐसे में जाहिर है बसपा सपा, सुभासपा और अपना दल के विधायकों पर डोरे डालेगी।
मायावती ने चुनाव को बनाया दिलचस्प :- उत्तर प्रदेश के विधायकों की संख्या के आधार पर बीजेपी के आठ और सपा की एक राज्यसभा सीट पर जीत तय है। बसपा और कांग्रेस अपने विधायकों की संख्या के आधार पर उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने की स्थिति नहीं है, जिसके चलते बीजेपी 9वीं राज्यसभा सीट भी जीतने की कवायद में जुटी है। ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने अपना प्रत्याशी उतार दिया है, जिसके चलते अब राज्यसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। बीजेपी को हराने के लिए सपा, कांग्रेस के साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अलावा कई निर्दलीयों का भी बसपा को समर्थन मिल सकता है। ऐसे में अगर बसपा प्रत्याशी को सपा और कांग्रेस समर्थन नहीं देंगी तो मायावती को पलटवार करने का मौका मिलेगा।
सपा ने रामगोपाल को उतारा :- सपा ने फिर से प्रो. रामगोपाल यादव को राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है, जिन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। सपा के विधायकों के आंकड़े के आधार पर यादव की जीत तय है। इसके बाद भी सपा के पास दस वोट अतिरिक्त होगें। लेकिन, सपा ने किसी अन्य प्रत्याशी को नहीं उतारा है।
जीत सकते हैं भाजपा के आठ उम्मीदवार :- बीजेपी ने अभी अपने राज्यसभा प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है, लेकिन उसके आठ उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित है। ऐसे में बीजेपी अगर 9 प्रत्याशियों के साथ मैदान में उतरी है तो ऐसी स्थिति में राज्यसभा की 10वीं सीट के लिए चुनाव होना लाजमी है।
यह है मौजूदा दलीय स्थिति :- उत्तर प्रदेश के मौजूदा विधानसभा में अभी 395 (कुल सदस्य संख्या-403) विधायक हैं और 8 सीटें खाली हैं, जिनमें से 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। मौजूदा स्थिति के आधार पर जीत के लिए हर सदस्य को करीब 36 वोट चाहिए। मौजूदा समय में बीजेपी के पास 306 विधायक हैं जबकि 9 अपना दल और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं, सपा 48, कांग्रेस के सात, बसपा के 18 और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं। बहुजन समाज पार्टी को मुख्तार अंसारी, अनिल सिंह सहित दो-तीन और विधायकों के वोट उसे मिलने की उम्मीद नहीं है। भारतीय जनता पार्टी का एक और सदस्य तब ही जीत सकता है जब विपक्ष साझा प्रत्याशी न खड़ा करे।