खुशखबर, सीडीआरआई ने बनाई कोरोना की स्वदेशी दवा उमीफेनोविर पेटेंट प्रक्रिया पूरी नहीं हुई :- दुनिया में डेंगू की कोई दवा इस वक्त नहीं है। सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही इलाज होता है। सीडीआरआइ निदेशक प्रोफेसर तपस कुंडू (Tapas Kundu) ने बताया कि यह दवाएं डेंगू मरीजों पर भी पूरी तरह कारगर होंगी। ह्यूमन ट्रायल के बाद दवा को पेटेंट करा कर शीघ्र ही बाजार में उतारा जाएगा। मनुष्यों पर ट्रायल की प्रक्रिया चल रही है। पेटेंट प्रक्रिया पूरी नहीं होने तक अभी दोनों ड्रग के नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता।
रक्त प्रवाह को अवरुद्ध करता है :- सीडीआरआइ निदेशक प्रो. तपस कुंडू ने बताया कि, यह दवाएं फिलहाल थ्रोंबोसिस व स्ट्रोक के मरीजों के इलाज में प्रयोग की जा रही हैं। थ्रोंबोसिस रक्त की धमनियों या नसों में खून के थक्के का गुच्छा है। यह थक्का सामान्य रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकता है।
डेंगू क्या है? : एडीज मच्छरों के काटने से डेंगू बुखार होता है। यह रक्तस्रावी बुखार है। इसमें रक्तस्राव होता है जिसे डेंगू हेमोरेजिक फीवर कहते हैं। साथ ही प्लेटलेट का स्तर कम होता है। सीडीआरआइ का कहना है कि इन दवाओं से मरीजों का प्लेटलेट बढ़ेगा।