स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में बीते कई दशकों से हिन्दू, बौद्ध, सिख, पारसी, ईसाई व जैन धर्म के लोग यातनाएं झेलकर अमानवीय जीवन जीने के लिए विवश थे। विधेयक पारित होने से उन्हें इस नारकीय जीवन से बाहर निकालने का रास्ता साफ हो गया है। उन्हें नागरिकता का अधिकार मिलेगा। सही मायने में उनके जीवन में आज सवेरा हुआ है।
राज्यसभा में नागरिक संशोधन बिल (सीएबी) बिल के पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े। वहीं लोकसभा में पक्ष में 311 व विपक्ष में 80 वोट पड़े। अब इसके कानून बनने के लिए सिर्फ राष्ट्रपति की स्वीकृति चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किया वादा पूरा किया है। उन्होंने कहा कि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ और जिसकी गुनाहगार कांग्रेस पार्टी है।