उत्तर प्रदेश के लखनऊ और वाराणसी में दो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ के तहत प्रदेश में 12 नए हवाई अड्डे बनाने की योजना वर्ष 2017 में तैयार की गई थी। पहले चरण में आगरा और कानपुर एयरपोर्ट बनाया जा सकता है। दूसरे चरण में इलाहाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़, बरेली, चित्रकूट, हिंडन, झांसी, मुरादाबाद, म्योरपुर (सोनभद्र) और श्रावस्ती में एयरपोर्ट बनाए की तैयारी चल रही थी। इसके अलावा बरेली, इलाहाबाद में वायुसेना के हवाई अड्डे हैं। इनमें अब सिविल एन्क्लेव बनाया जा रहा है। कानपुर व आगरा में भी वायुसेना के एयरपोर्ट हैं। यहां से घरेलू उड़ानें शुरू हो चुकी हैं।
नागरिक उड्डयन विभाग ने अप्रैल में राजधानी लखनऊ से प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों से हवाई यात्रा शुरू कर रहा है। जिसमें लखनऊ से प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, हिंडन और आजमगढ़ की हवाई यात्रा शामिल है। लखनऊ से प्रदेश के प्रमुख शहरों के लिए अभी नियमित हवाई सेवा संचालित नहीं है जबकि बरेली, हिंडन, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, आजमगढ़ और मुरादाबाद के लिए फ्लाइट की मांग की जा रही थी।
लखनऊ से बरेली, हिंडन, प्रयागराज, वाराणसी और आजमगढ़ हवाई सेवा शुरू करने के लिए टर्बो एविएशन से अनुबंध किया गया है। इन उड़ानों को शुरू करने के लिए टर्बो एविएशन ने हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड से दो छोटे हवाई जहाज खरीदने का एमओयू साइन किया है। मार्च अंत तक एचएएल, टर्बो एविएशन को दोनों जहाज सुपुर्द कर देगा। एविएशन के पायलट की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। इस हवाई सेवा के शुरू होने के बाद लखनऊ से इन पांच शहरों सफर सिर्फ एक घंटे का रह जाएगा।
विभाग के निदेशक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि अप्रैल से लखनऊ से प्रतिदिन पांच शहरों के लिए फ्लाइट शुरू होगी। इसके बाद दूसरे चरण में आगरा, गोरखपुर और मुरादाबाद के लिए फ्लाइट शुरू की जाएगी।