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लखनऊ के घंटाघर पर सीएए विरोधी प्रदर्शन पर पुलिस की कार्रवाई, सपा नेता सहित कई महिलाएं हिरासत में

locationलखनऊPublished: Jan 25, 2020 05:28:05 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का मामला- लखनऊ में सीएए विरोधी प्रदर्शन पर पुलिस की कार्रवाई- यूपी में अब तक 1000 से अधिक महिलाओं पर केस- कल्बे सादिक के बेटे समेत सैकड़ों पर एफआइआर- लखनऊ के घंटाघर में पुलिस का कड़ा पहरा

Lucknow Clock tower protest Against CAA

पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने और आरएएफ की तैनाती पर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि घंटाघर इलाके में ऐहतियात के तौर पर पुलिस तैनात की गई है।

लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में राजधानी लखनऊ में कई दिनों से चल रहे महिलाओं के विरोध-प्रदर्शन के मामले में शनिवार को पुलिस ने कई महिलाओं और पुरुषों को हिरासत में लिया गया है। इनमें समाजवादी पार्टी की युवा इकाई नेता पूजा शुक्ला और मौजूद वॉलिंटियर्स शामिल हैं। वहीं, धारा 144 के उल्लंघन समेत अन्य अपराधों में मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे सादिक के बेटे व 10 नामजद समेत लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। घंटाघर पर किसी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के साथ बड़ी मात्रा में पुलिस तैनात की गई है। साथ ही सिविल ड्रेस में अफसरों की गश्त भी बढ़ा दी गई है। पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने और आरएएफ की तैनाती पर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि घंटाघर इलाके में ऐहतियात के तौर पर पुलिस तैनात की गई है।
सीएए व एनआरसी के विरोध में लखनऊ का शाहीन बाग बन रहे घंटाघर पर शनिवार को ‘रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम’ और ‘सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा’ जैसे देशभक्ति गीतों से विरोध को धार दी जा रही थी। घंटाघर में रोजाना की तरह नौवें दिन भी धरना-प्रदर्शन चल रहा था। अचानक, पुलिस बल में इजाफा होने लगा और गश्त बढ़ा दी गई। गाड़ियों से उतरकर आएएफ के जवान घंटाघर एरिया में जमा होने लगे। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं के बीच से सपा नेता पूजा शुक्ला समेत अन्य कई महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया, वहीं कइयों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
अब तक 1000 से अधिक महिलाओं पर केस
दिल्ली के शाहीनबाग की तरह लखनऊ, प्रयागराज, आजमगढ़, अलीगढ़, कानपुर, देवबंद, इटावा और बरेली में महिलाएं अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कर रही हैं। वहीं, इटावा, वाराणसी, अलीगढ़ और रायबरेली में पुलिस ने प्रदर्शकारी महिलाओं को हटाकर मैदान खाली करा लिया है। इन सभी शहरों में महिला प्रदर्शकारियों पर तमाम धाराओं में मुकदमे भी लगा दिए हैं। यूपी में अब तक सात अलग-अलग एफआईआर में एक हजार से अधिक महिलाओं पर धारा 144 का उल्लंघन समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इनमें मशहूर शायर मुन्नवर राना की बेटियां सुमैया राना व फौजिया राना भी शामिल हैं। पुलिस प्रशासन का कहना है कि धारा 144 का उल्लंघन हो रहा है और दंगा फैलाने की कोशिश की जा रही है इस कारण पुलिस को केस दर्ज करना पड़ रहा है। इसके बावजूद उनके हौसलों में कमी नहीं आई है। उनका प्रदर्शन जारी है।
कल्बे सादिक के बेटे समेत सैकड़ों पर एफआइआर
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध-प्रदर्शन में मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे सादिक के बेटे के खिलाफ लखनऊ में एफआइआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इनके खिलाफ ट्रैफिक जाम करने और धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में एफआइआर दर्ज की है। कल्बे सादिक के बेटे व 10 नामजद समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 145, 147, 188, 283, 353 और सीएलए 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। शुक्रवार को घंटाघर में प्रदर्शन कर रही महिलाओं के समर्थन में जुलूस निकाला गया था, जिसकी वजह से घंटाघर पर जाम लग गया था। लखनऊ के घंटाघर में चल रहे अंदोलन के समर्थन में शुक्रवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना डॉ. कल्बे सादिक हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने घंटाघर में प्रदर्शनकारियों को आने वाली दिक्कतों पर रोष जताते हुए कहा था कि मैंने आज तक कभी सिनेमा नहीं देखा, पर हर घर में उजाला है और घंटाघर पर अंधेरा, जो सरकार को दिखाई नहीं दे रहा है। कोई मोदी कोई शाह हमारा भविष्य नहीं बना सकता। आज जो हमारे देश में हो रहा है वो बेहद दर्दनाक है। उन्होंने कहा कि देश मोदी-शाह की मजीर से नहीं, संविधान से चलेगा।
संपत्ति के नुकसान की वसूली के फैसले को कोर्ट में चुनौती
सीएए के खिलाफ संपत्ति के नुकसान की वसूली के योगी सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता परवेज आरिफ ने याचिका में यूपी सरकार के फैसले का गलत बताते हुए उसे निरस्त करने की मांग की है। साथ ही यूपी में हुई हिंसक घटनाओं की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की है। याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह होगी। दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि वसूली का नोटिस उन लोगों को जारी किया गया है जो इस दुनिया में है ही नहीं। साथ ही वह, जिनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज ही नहीं है। आपको बता दें कि बीते वर्ष दिसंबर को यूपी के कई जिलों में सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसमें करोड़ों रुपए की सार्वजनिक व निजी संपत्तियों का नुकसान हुआ था। नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने उपद्रवियों को चिन्हित कर नुकसान के मुआवजे का नोटिस भेजा है।
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