1621 नहीं सिर्फ तीन शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी में हुई मौत, बाकी सब गलत : बेसिक शिक्षा मंत्री प्रदेश के 14.71 करोड़ परिवारों को मुफ्त राशन 31 मई तक :— यूपी में 20 मई से सूबे के 14.71 करोड़ परिवारों को प्रति यूनिट पांच किलो राशन फ्री में दिया जा रहा है। जिसमें तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल बांटा जा रहा है। खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (फेज-3) के तहत अंत्योदय तथा पात्र गृहस्थी लाभार्थियों को मई में निशुल्क खाद्यान्न का वितरण 31 मई तक किया जाएगा। राशनकार्ड धारकों को पोर्टेबिलिटी के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा 29 मई से 31 मई के बीच दी जाएगी। यह वितरण 31 मई तक ई-पॉस मशीनों के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण के बाद कराया जाएगा।
इसके अतिरिक्त उपभोक्ताओं के लिए मोबाइल ओटीपी वेरिफिकेशन के माध्यम की व्यवस्था है। प्रदेश में 1.30 करोड़ अंत्योदय राशन कार्डधारक तथा 13.41 करोड़ पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारक हैं। कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए यह निर्देश जारी किया गया है कि, प्रत्येक उचित दर दुकान पर सेनिटाइजर, साबुन, पानी रखा जाए और हाथ धोने के उपरान्त ही ई-पॉस मशीन का प्रयोग किया जाएगा।
कोरोना से अनाथ हुए बच्चे राज्य संपत्ति घोषित :- कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से प्रदेश में कई बच्चे अनाथ हो गए। कोरोना वायरस संक्रमण के चंगुल में फंस कर अपनी जान गंवा बैठे। इन बच्चों में बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं जिनका कोई खैरख्वाह नहीं है। ऐसे निराश्रित और अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत यूपी में कोरोना संक्रमण की वजह से जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हो गया है, उनके भरण-पोषण सहित सभी तरह की जिम्मेदारी राज्य सरकार निभाएगी। इस बारे में सीएम ने महिला बाल विकास विभाग को तत्काल विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री ने कहाकि कोविड-19 महामारी के बीच अनाथ अथवा निराश्रित हुए बच्चे राज्य की संपत्ति हैं। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि, अब सभी जिलों में ऐसे बच्चों को चिन्हित करने के लिए सर्वेक्षण शुरू किया जाए। इनमें वे बच्चे भी शामिल हैं, जिनके परिजनों की कोरोना संक्रमण की जांच नहीं हो सकी, लेकिन माता-पिता का किन्ही भी वजहों से निधन हो गया। गोरखपुर में बच्चों को चिन्हित करने का सिलसिला शुरू हो गया है, 12 बच्चे मिले हैं।
25.54 लाख ग्रामीणों को आवास उपलब्ध कराएगी योगी सरकार :- योगी सरकार वर्ष 2022 तक प्रत्येक ग्रामीण आवासहीन परिवार को घर देने की तैयारी कर रही है। आवास प्लस योजना में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 25.54 लाख आवास का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि, मई के अंत तक केंद्र से मंजूरी मिल जाएगी। केंद्र से स्वीकृत मिलने पर यूपी 2022 तक सभी आवासहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य बन सकता है।
इस योजना में एक आवास के लिए करीब 1.50 लाख रुपए प्रत्येक परिवार को दिए जाते हैं। इनमें 1.20 लाख आवास के लिए, 18 हजार मनरेगा मजदूरी और 12 हजार शौचालय के लिए दिए जाते हैं। केंद्र ने 2011-12 के सर्वेक्षण में छूटे परिवारों को आवास देने के लिए आवास प्लस योजना लागू की है। इस योजना में प्रदेश के 32.86 लाख पात्र परिवार पाए गए थे। पहले चरण में गत वर्ष इनमें से 7.32 लाख परिवारों को आवास स्वीकृत कर दिया गया। अब ग्राम्य विकास विभाग ने शेष 25.54 लाख आवास इसी वर्ष स्वीकृत करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है।