हर जिलों की कोई न कोई पहचान :- प्रदेश के 75 जिलों की कोई न कोई पहचान है। यूपी बहुत सारे जिलों के नाम सिर्फ उसके उत्पाद से ही पहचाने जाते हैं। दुर्लभ एवं अकल्पनीय गेहूं डंठल शिल्प, चिकनकारी, कपड़ों पर ज़री-जरदोज़ी का काम, सींगों व हड्डियों का जटिल शिल्प कार्य की करीगरी देख लोग वाह—वाह कर उठाते हैं। ओडीओपी योजना इन की खोई पहचान वापस दिला रही है। इस योजना के शुरू होने के बाद से कई जिलों का सामान देश-प्रदेश में ही नहीं विदेश तक निर्यात होने लगा है। अब यूपी के सभी जिलों का अपना प्रोडक्ट, उसकी पहचान को दोबारा स्थापित करेगा।
एक साल में 28 फीसदी निर्यात : सीएम योगी आदित्यनाथ जनवरी 2020 में एक कार्यक्रम में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि, राज्य अपने परंपरागत उद्यमों से एक साल में पूरे देश के अंदर 28 फीसदी निर्यात करने में सफल हो चुका है। उनकी सरकार राज्य में निवेश का माहौल बनाने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। एक जनपद-एक उत्पाद कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2108-19 के बजट में 250 करोड़ रुपए की व्यवस्था की थी।
बेहतर कारीगरी के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग :- कारीगरों की कारीगरी को और बेहतर करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे इससे उनके प्रोडक्ट बाजार में दूसरे उत्पादों की बराबरी कर सकें। एक अनुमान के मुताबिक, इससे 2023 तक यूपी में 25 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं, कारीगरों को आर्थिक मदद देने के लिए एमएसएमई के तहत बेहद कम ब्याज दरों पर बिजनेस लोन दिया जाएगा. एक प्रोडक्ट को एक ब्रांड का नाम दिया जाएगा।
सीएम योगी की मेहनत रंग लाई, मिला अंतरराष्ट्रीय बाजार :- सीएम योगी ने ओडीओपी प्रोडक्ट्स को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करना शुरू किया था, और उनकी मेहनत रंग ला रही है अब उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार मिलने लगा है। सिंगापुर की ऑनलाइन उत्पाद बेचने वाली सबसे बड़ी कंपनी ने सूक्ष्म मध्यम एवं लघु उद्योग विभाग से एक जनपद, एक उत्पाद के तहत बनने वाले उत्पादों की बिक्री करने की इच्छा जताई है। कंपनी का कहना है कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के उत्पाद यहां लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें इनकी सप्लाई चाहिए।
ऑनलाइन बिक्री का लगा मेला :- एक जिला एक उत्पाद योजना को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग फिक्की की मदद से ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है। इससे ओडीओपी से जुड़े शिल्पकार अपने उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री कर सकेंगे।