इस मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। सीएम योगी ने सूबे के सभी जिलाधिकारियों को ये निर्देश दिये कि किसानों के धान खरीद और उसका पूरा समर्थन मूल्य किसान को आसानी से सुलभ हो यह जिलाधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। किसी भी जनपद/मण्डल में कोई भी अधिकारी यदि इसमें ढिलाई बरतता है अथवा लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की जाए। धान खरीद में लापरवाही बरतने वाले जिलाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एमएसपी से कम रेट पर न बेचे : सीएम योगी उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से किसानों के मुस्कुराने और अच्छे दिन की शुरूआत हो गई थी। उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से धान खरीद शुरू हो गई है। प्रदेश में करीब 4000 हजार धान खरीद केंद्र बनाए गए हैं। जिनके जरिए वर्ष 2020-21 में 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने इस बार धान (सामान्य) की एमएसपी 1,868 रुपए कुन्तल तथा ग्रेड-ए धान का 1,888 रुपए कुन्तल तय किया है। 10 क्रय एजेंसियों को प्रदेश में धान खरीद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। किसानों की मेहनत का फल पूरा मिले इसके लिए सीएम योगी किसानों से कहाकि, कोई भी किसान भाई अपना धान एमएसपी से कम रेट पर न बेचे।
अपना ही रिकार्ड तोड़ा :- सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर धान खरीद का 20 दिन का आंकड़ा जारी किया है। आंकड़ा काफी आश्चर्यजनक था। आंकड़ों के अनुसार यूपी में अब तक एक लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद की प्रक्रिया पूरी हो गई है। जबकि पिछले साल इस समय तक सिर्फ 10 हजार मीट्रिक टन ही धान खरीदा गया था। इस प्रकार यूपी सरकार ने अपना ही बनाया रिकॉर्ड बड़े अंतर से तोड़ दिया है।
नई धान खरीद नीति के अहम बिन्दु :- नई धान खरीद नीति में किसानों को मिलने वाली धुलाई, छंटाई आदि में 20 रुपए की छूट के साथ ही मिलों को 30 दिन के अंदर चावल तैयार करने पर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। धान खरीदने की पारदर्शी व्यवस्था के लिए ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था को फुल प्रूफ बनाने के लिए आधार कार्ड और जमीन के कागजात से जोड़ा गया हैैै। इसके साथ ही किसानों को अब आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किया जाएगा।