तीन दिन में स्पष्टीकरण दें :- अंबेडकरनगर, अमरोहा, बलिया, बुलंदशहर, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, हाथरस, कन्नौज, कानपुर नगर, कासगंज, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर, उन्नाव, वाराणसी, मऊ और मुजफ्फरनगर सहित 21 जिलों में फोन नंबर गलत होने, सेवा में उपलब्ध न होने, बंद होने या फोन न उठने जैसे मामले सामने आए। शासन ने इसे डीएम की पर्यवेक्षण की शिथिलता के रूप में लिया है। उनसे तीन दिन में स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
46 जिलों में नोडल अफसर फोन पर नहीं मिले :- मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों के फोन पर 46 जिलों में नोडल अधिकारी फोन पर नहीं मिले। इन 46 जिलों में से 27 जिलों-अमेठी, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, इटावा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, गोरखपुर, हमीरपुर, हापुड़, झांसी, कानपुर देहात, कुशीनगर, लखीमपुर, ललितपुर, रामपुर, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, पीलीभीत व प्रयागराज में नोडल अधिकारी नहीं मिले।
19 जिलों में फोन क्लर्क ने उठाया पर जवाब नहीं दे सके :- इसी तरह 19 जिलों बांदा, भदोही, बिजनौर, बदायूं, एटा, फर्रुखाबाद, गोंडा, जालौन, जौनपुर, रायबरेली, संभल, शामली, श्रावस्ती, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, प्रतापगढ़, बागपत व हरदोई में लिपिक वर्गीय कर्मियों ने फोन उठाया और कोई भी जानकारी नहीं दे सके।
नोडल अफसर के नाम-फोन नंबर की जानकारी भेजें :- शासन आए भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि डीएम नोडल अधिकारियों से स्पष्टीकरण लेकर शासन को उपलब्ध कराएंगे। नोडल अधिकारी यदि आईएएस व पीसीएस अधिकारी हैं तो स्पष्टीकरण नियुक्ति विभाग को भेजना होगा। इसके अतिरिक्त किसरी और को यह जिम्मेदारी मिली है तो वह अपने विभाग को स्पष्टीकरण भेजेगा शासन ने सभी डीएम को अलग से एक पत्र जारी किया है। इसमें जिलों में स्थापित इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर पर नियुक्त नोडल अधिकारियों का नाम तथा प्रत्येक फोन नंबर को क्रियाशील कर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।