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कोरोना वायरस के डर से रिश्तों की डोर पड़ी कमजोर, कोई करीबी को सड़क पर तो कोई बेटे के शव को अस्पताल में छोड़कर भाग गए

locationलखनऊPublished: Jun 02, 2020 05:03:36 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

यूपी में रोजाना कुछ न कुछ ऐसा घट रहा है कि, इन घटनाओं को सुनकर लोगों के मुंह से उफ्फ निकाल जा रहा है। प्रयागराज का मामला देखिए घरवालों ने सोचा कोरोना से मौत हुई है, शव को सड़क पर छोड़कर घर चले गए। रामपुर में एक मां-बाप के बारे में सुनिए जिसने अपने लख्तेजिगर की मौत की खबर सुन, उसके शव को अस्पताल में छोड़ घर चले गए।

कोरोना वायरस के डर से रिश्तों की डोर पड़ी कमजोर, कोई करीबी को सड़क पर तो कोई बेटे के शव को अस्पताल में छोड़कर भाग गए

कोरोना वायरस के डर से रिश्तों की डोर पड़ी कमजोर, कोई करीबी को सड़क पर तो कोई बेटे के शव को अस्पताल में छोड़कर भाग गए

लखनऊ. काम की वजह से अपने गांव से दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोग कोरोना वायरस के डर से घर वापसी कर रहे हैं कि अगर बदकिस्मती से कुछ हो जाए तो कम से कम अपने परिजनों के सामने ही दो गज जमीन तो नसीब हो जाएगी। पर कभी यह सोचा नहीं होगा कि कोरोना वायरस का डर इस कदर हावी हो जाएगा कि लोग अपने ‘खून’ को भी पहचाने से इनकार कर देंगे। यूपी में रोजाना कुछ न कुछ ऐसा घट रहा है कि, इन घटनाओं को सुनकर लोगों के मुंह से उफ्फ निकाल जा रहा है। प्रयागराज का मामला देखिए घरवालों ने सोचा कोरोना से मौत हुई है, शव को सड़क पर छोड़कर घर चले गए। रामपुर में एक मां-बाप के बारे में सुनिए जिसने अपने लख्तेजिगर की मौत की खबर सुन, उसके शव को अस्पताल में छोड़ घर चले गए।
1- परिजन शव सड़क किनारे रख घर आ गए :- प्रयागराज में एक शख्स (35 वर्ष) चार दिन पहले मुंबई से प्रतापगढ़ जिले में लौटा था। अचानक तबीयत खराब होने से शख्स को प्रयागराज के एसआरएन हॉस्पिटल में शनिवार को भर्ती कराया गया। शनिवार रात 11 बजे स्थानीय लोगों ने प्रतापगढ़-प्रयागराज हाइवे पर रानीगंज थाना क्षेत्र के दमदम गांव के पास शव पड़ा देखा। पुलिस को सूचना दी गई, स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ पुलिस भी मौके पर पहुंची। खोजबीन के बाद पता चला कि कोरोना के डर से मृतक के परिजन उसका शव छोड़कर चल गए। काफी समझाने बुझाने के बाद अंत में परिजनों ने अंतिम संस्कार किया।
रानीगंज के डेप्युटी एसपी अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया, ‘मरीज चार दिन पहले ही दमदम गांव में लौटा था और उसे 21 दिन के होम क्वारंटाइन में रहने को कहा गया था। शनिवार सुबह उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसके परिजन प्रयागराज के स्वरूपरानी हॉस्पिटल में लेकर गए। डॉक्टरों ने दवा दी और कहा कि अगर कोई समस्या हो तो फिर आएं।’
मौत अस्थमा और हृदय की बीमारी से हुई :- त्रिपाठी ने बताया, ‘घर लौटते समय रास्ते में ही शख्स की तबीयत अचानक बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। परिवार के लोगों को लगा कि शख्स की मौत कोरोना से हो गई। वे इतना डर गए कि शख्स का शव सड़क किनारे रखकर घर चले गए। मरने वाला शख्स दमदम गांव का ही रहने वाला था। जब हम शव लेकर गए तो परिवार के लोगों ने शव लेने से इनकार कर दिया। हमने घर के बाहर चारपाई पर शव रख दिया।’ स्वास्थ्य टीम ने जांच की और मेडिकल हिस्ट्री ट्रेस की तो बता चला कि शख्स की मौत अस्थमा और हृदय की बीमारी से हुई। आखिर में रविवार को फाफामऊ में अंतिम संस्कार किया गया।
2- नौ माह के बेटे का शव छोड़कर चले गए :- कोरोना रिश्तों के लिए काल बनकर आया है। बाकी रिश्तों को दरकिनार कीजिए बेटे का रिश्ता तो सबसे ही करीबी होता है पर रामपुर के इस मामले ने तो हद कर दी। हुआ यूं कि रामपुर के मिलक तहसील क्षेत्र के गांव भैंसोड़ी शरीफ गांव के ये मां-बाप अपने नौ माह के बेटे के ब्रेन ट्यूमर का आपरेशन कराने दिल्ली एम्स गए। जहां आपरेशन से पहले कोरोना टेस्ट हुआ। इस बीच आपरेशन से पहले ही मासूम की मौत हो गई। इसके बाद बेटे की रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। मां—बाप को जैसे ही यह पता चला वे शव छोड़कर गांव चले आए। अस्पताल प्रशासन ने काफी छानबीन के बाद मां बाप का पता लगाया और उन दोनोे को क्वारंटाइन कराया गया। इसके बाद उनकी सहमति से एम्स प्रशासन ने मासूम का अंतिम संस्कार करवा दिया।
सहमति से एम्स ने किया अंतिम संस्कार :- मासूम की मौत के बाद उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी, मां-बाप बच्चे का शव एम्स में छोड़कर वहां से भाग आए। एम्स प्रशासन ने डीएम रामपुर को पूरा प्रकरण बताया। डीएम ने सीएमओ डाक्टर सुबोध कुमार शर्मा को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मासूम के माता-पिता को उनके गांव से लाकर क्वारंटाइन करा दिया है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि बच्चे के पिता मोटर मैकेनिक हैं। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर नहीं रही होगी। फिर भी प्रशासन ने अपने स्तर पर शव लाने की व्यवस्था कराई। इसके बावजूद मां-बाप ने शव लेने से इंकार कर दिया। अंत में परिजनों की सहमति से एम्स ने बच्चे का अंतिम संस्कार किया।
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