केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले स्मार्ट सिटी मिशन निदेशालय ने कोरोना बचाव के लिए इस योजना में चयनित शहरों द्वारा किए गए प्रयासों को शामिल किया गया है। आगरा में राशन पहुंचाने का बेहतर ढंग :- आगरा ने घर-घर तक राशन पहुंचाने के लिए 100 वार्डों के दुकानदारों के नंबरों को वेबसाइट पर डालकर स्थानीय लोगों की मदद की। कालाबाजारी रोकने के लिए एजेंसियों से करार भी किया। इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर की स्थापना कर शहरी लोगों की मदद करने के साथ शहरी यातायात व्यवस्था को ठीक किया है। रियायती दरों पर सैनिटाइजर के साथ मास्क बांटने का भी काम किया।
प्रयागराज में 24 घंटे कॉलसेंटर :- वाराणसी में इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम को वार रूम में बदल कर जरूरतमंदों की मदद की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान पुलिस और सैनिटरी स्टाफ के लिए व डॉक्टरों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चिकित्सा सेवाएं शुरू की गईं। प्रयागराज में 24 घंटे कॉलसेंटर की शुरुआत की गई।
मुरादाबाद में दैनिक वेतन श्रमिकों का पंजीकरण :- अलीगढ़ में इंट्रीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम को कोविड-19 कंट्रोल रूम में बदला गया। मुरादाबाद में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से सरकारी पैकेज वितरण के लिए दैनिक वेतन श्रमिकों का पंजीकरण किया गया। सहारनपुर में सामानों की होम डिलिवरी के लिए किराने की दुकानों की पहचान करते हुए लोगों को सुविधाएं दी गईं।
लखनऊ के कम्युनिटी किचन ने मन मोहा :- लखनऊ में अस्पतालों में भर्ती गरीब, बेघर, स्वयंसेवकों और श्रमिकों के लिए शहर को आठ जोन में बांटते हुए कम्युनिटी किचन की शुरुआत की गई। इसके माध्यम से जरूरतमंदों को पका हुआ खाना देने की व्यवस्था की गई। कमांड कंट्रोल रूम के माध्यम से लोगों की जरूरतों को भी पूरा करने का काम किया गया। कमांड रूम के माध्यम से हर संभव मदद के प्रयास किए गए। इसी तरह कानपुर ने कमांड कंट्रोल के टोल फ्री नंबर पर आने वाली शिकायतों के आधार पर लोगों की मदद की। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में लोगों को मदद की गई।