-शाहजहांपुर में लाखों के चेक-ड्राफ्ट और 3 साल की फाइलों के साथ बाबू लापता-सरकारी रिकॉर्ड से गायब हुईं गैंगस्टर विकास दुबे के आर्म्स लाइसेंस की फाइलें
भ्रष्टाचार का नया तरीका, रिकॉर्ड न मिले इसलिए पूरी-पूरी फाइल गायब कर दे रहे सरकारी बाबू
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोई भी सरकार हो भ्रष्टाचार से अछूती नहीं रही है। हमेशा एक न एक घोटाले, और भ्रष्टाचार की खबर सुर्खिंयों में बनी रही हैं। सरकारें जांच का आदेश देती हैं। और जांच होती है। पर जांच पूरी न हो इसलिए कभी रिकॉर्ड खो जाते है तो कभी कई सारे मामलों में जांच की जाने वाली फाइलों में आग अपने आप ही लग जाती है। अब भ्रष्टाचार का नया तरीका सामने आ रहा है। ताजा मामला कानपुर और शाहजहांपुर का है। कानपुर के बिकरू कांड के आरोपित विकास दूबे के आर्म्स लाइसेंस की करीब 200 फाइलें सरकारी रिकॉर्ड से अचानक गायब हो गईं। फाइलें न मिलने पर इन फाइलों की देखरेख करने वाले बाबू पर जांच एजेंसी ने एफआइआर दर्ज करा दिया है। दूसरे मामले में तो लाखों के चेक-ड्राफ्ट और तीन साल की फाइलों के साथ बाबू भी लापता हो गया है। अब सरकारी जांच अफसर बाबू को ढूंढ़ रहे हैं और बाबू का अभी तक कहीं पता नहीं चला है। फाइलों के गायब होने का सीधा-सा मतलब है कि गोपनीय फाइलों को जान-बूझकर गायब किया गया, क्योंकि फाइलें गुम हुईं, तो सबूत भी गायब हो जाएंगे। ऐसे में, इन घोटाले पर हमेशा परदा पड़ा रहेगा।
बिकरू कांड में असलहों की 200 फाइलें गुम :- बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर में तीन माह का समय बीत चुका है। जांच एजेंसियां पूरे जोर शोर के साथ हकीकत जानने में जुटीं हैं। पर जांच अफसर उस वक्त चौंक गए जब सरकारी रिकॉर्ड्स से विकास दुबे और उसके गुर्गों के हथियारों के लाइसेंस की करीब 200 फाइलें ही गायब हो गई हैं। असलहा विभाग में रिकॉर्ड मेंटेन करने वाले तत्कालीन क्लर्क विजय रावत की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। उन पर मौजूदा क्लर्क वैभव अवस्थी की तहरीर पर कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।
विकास दुबे ने वर्ष 1997 में पहली बार बनवाया था लाइसेंस :- बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने वर्ष 1997 में पहली बार हथियार के लिए लाइसेंस बनवाया था। जब जांच अधिकारियों ने असलहा विभाग से इसकी जानकारी मांगी, तो पता चला कि फाइलें नदारद हैं। अब पुलिस गुम हुई फाइलों की जांच कर रही है। बताया जा रहा कि विकास दुबे और उसके साथियों ने गुप्त तरीके से कई लाइसेंस बनवाए थे। बिकरू कांड के बाद पुलिस प्रशासन ने गांव में सभी शस्त्र धारकों के लाइसेंस चेक किए थे और जिनके पास अवैध रूप से हथियार मिले थे, उन पर कार्यवाही के आदेश दिए गए थे।
फाइलें और जिम्मेदार बाबू दोनों गायब :- जिला प्रोबेशन कार्यालय शाहजहांपुर से करोड़ों रुपए बजट की फाइलें और जिम्मेदार बाबू दोनों गायब हैं। इन फाइलों में पिछले तीन वर्ष की विधवा पेंशन, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ योजना सहित दूसरी कई योजनाओं का लेखा जोखा है। गायब अभिलेखों में 22 लाख रुपए के चेक वाउचर, बैंक ड्राफ्ट भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि इन गुम फाइलों में बड़ा घालमेल है। फिलहाल, जिलाधिकारी शाहजहांपुर इंद्र विक्रम सिंह के आदेश पर आरोपी बाबू अरविंद चित्रांश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल, आरोपी बाबू की तलाश में पुलिस जुटी है।